संवाददाता, पटना : भारतीय शेयर बाजार में आयी भारी गिरावट ने देशभर के निवेशकों को गंभीर आर्थिक नुकसान पहुंचाया है. विशेषज्ञों के अनुसार इस गिरावट का सीधा प्रभाव बिहार के निवेशकों पर भी पड़ा है. एक अनुमान के अनुसार बिहार के निवेशकों काे 20- 25 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ.
गिरावट के एक साल बाद मिला अच्छा रिटर्न
शेयर बाजार के जानकार शशि चरण पहाड़ी ने बताया कि शेयर बाजार भारी बिकवाली का दौर जारी रहा. निफ्टी और सेंसेक्स लगभग 742 और 2226 गिर कर बंद हुआ. इसकी मुख्य वजह हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा घोषित व्यापक टैरिफ लगाने के बाद विश्व भर के सभी बाजार भारी गिरावट देखने को मिली. भारतीय शेयर बाजार गिरावट से लगभग 19 लाख करोड़ का नुकसान हुआ है, जिससे बिहार के निवेशकों काे लगभग 20 हजार करोड़ का नुकसान हुआ. निवेशकों को इस बाजार के गिरावट से घबराने नहीं चाहिए. उन्हें निवेश को बनाये रखना चाहिए. इस तरह पहले भी देखा गया था. उन्होंने बताया ने बताया कि नोटबंदी, अमेरिकी प्राइम संकट, लेमन ब्रदर्स दिवालिया व कोविड के वक्त भारी बिकवाली हुई थी, पर जिन्होंने निवेश को जारी रखा, उन्हें एक साल के बाद काफी अच्छा रिटर्न दिया. इतने साल में सेंसेक्स 21000 से 85978 ( सितंबर 24 ) तक बढ़ा.अभी रोज-रोज के उतार-चढ़ाव से बचें
उन्होंने बताया कि इसका सीधा मतलब है कि आप को दीर्घकालीन दृष्टिकोण निवेश अपनाना चाहिए, न कि रोज- रोज के उतार-चढ़ाव से प्रभावित होना चाहिए. पूरे देश में म्यूचुअल फंड में कुल निवेश लगभग 60 लाख करोड़ है. वहीं, बिहार का लगभग 70 हजार करोड़ का निवेश है. फाइनेंसियल गोल प्लानर (एडवांस लेवल) राजीव लोचन पंकज के बताया कि अमेरिका द्वारा आयात शुल्क बढ़ाने पर पूरी दुनिया के शेयर बाजार ने नकारात्मक प्रतिक्रिया दी है और इसी क्रम में भारतीय बाजार 3.25 प्रतिशत गिर कर बंद हुए.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है