IRCTC Tender Case: पटना. लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार के लिए आज का दिन बेहद महत्वपूर्ण है. आज सीबीआई द्वारा दर्ज आईआरसीटीसी टेंडर घोटाला से जुड़े मामले में कोर्ट का बड़ा फैसला आ सकता है. कथित अनियमितताओं से जुड़े भ्रष्टाचार के मामले में लालू प्रसाद, उनकी पत्नी राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव और अन्य को आरोपी बनाया गया है. आईआरसीटीसी होटल घोटाला मामले में दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट अपना फैसला सुरक्षित रखा था, जिसे आज सुनाया जाएगा. यदि ट्रायल के दौरान सीबीआई आरोपों को साबित कर देती है, तो संबंधित धाराओं के तहत दोषियों को अधिकतम 7 वर्ष की सजा हो सकती है. ऐसे में कोर्ट के फैसले का लालू फैमिली के साथ साथ हर किसी को बेसब्री से इंतजार है.
रेलमंत्री रहते लालू प्रसाद पर लगा था आरोप
साल 2005-06 में जब लालू प्रसाद यादव रेल मंत्री थे, उस समय रेलवे के रांची और पुरी स्थित बीएनआर होटलों को आईआरसीटीसी को ट्रांसफर किया गया था. इन्हें बेहतर रख-रखाव और संचालन के लिए लीज पर देने की योजना बनाई गई थी. सीबीआई के अनुसार, इन होटलों को लीज पर देने के लिए जारी टेंडर प्रक्रिया में गंभीर अनियमितताएं हुईं. यह टेंडर विनय कोचर की कंपनी मेसर्स सुजाता होटल्स को दिया गया था. उस समय आईआरसीटीसी के मैनेजिंग डायरेक्टर पीके गोयल ने यह प्रक्रिया पूरी की थी. 17 जुलाई, 2017 को सीबीआई ने लालू प्रसाद यादव समेत पांच लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी. इस सिलसिले में देशभर में उनके 12 ठिकानों पर छापेमारी की गई थी.
सभी आरोपित जमानत पर
सीबीआई का आरोप है कि विनय और विजय कोचर को होटलों की लीज दिलाने के बदले लालू यादव ने पटना में तीन एकड़ जमीन प्राप्त की थी. कोचर बंधुओं ने यह जमीन सरला गुप्ता की कंपनी को बेच दी, और बाद में उस कंपनी का मालिकाना हक राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव की कंपनी के पास चला गया. इसी जमीन पर बाद में बिहार का सबसे बड़ा मॉल बनाया जा रहा था. तेजस्वी यादव इस मामले में 2019 से जमानत पर हैं. दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने उन्हें और उनकी मां राबड़ी देवी को जमानत दी थी.
Also Read: Bihar Election: राहुल गांधी अगस्त में आ रहे बिहार, नक्लसलग्रस्त इलाके में बितायेंगे रात