24.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

बिहार की जेलों में बंद कैदी सीखेंगे कंप्यूटर, इन कोर्सेस की मिलेगी ट्रेनिंग

Jail of Bihar: गृह विभाग के कारा एवं सुधार सेवाएं निरीक्षणालय ने राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (नाइलेट) के साथ समझौता किया है. समझौते के तहत नाइलेट के प्रशिक्षित कर्मी जेलों में संसीमित बंदियों में कंप्यूटर की व्यावहारिक समझ विकसित करनेके साथ ही उनको डिजिटल साक्षर बनानेका काम करेंगे.

Jail of Bihar: पटना. बिहार की जेलों में बंद कैदी कंप्यूटर सीखेंगे. उनको रोजगार परक कंप्यूटर सॉफ्टवेयर कोर्सों एमएस वर्ड, टैली, पावर प्वाइंट आदि का व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया जाएगा. इसको लेकर गृह विभाग के कारा एवं सुधार सेवाएं निरीक्षणालय ने राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (नाइलेट) के साथ समझौता किया है. समझौते के तहत नाइलेट के प्रशिक्षित कर्मी जेलों में संसीमित बंदियों में कंप्यूटर की व्यावहारिक समझ विकसित करनेके साथ ही उनको डिजिटल साक्षर बनानेका काम करेंगे. इससे जेल से छूटने के बाद इन कैदियों को रोजगार या स्वरोजगार की मदद से समाज की मुख्य धारा से जुड़ने में मदद मिलेगी.

आठ केन्द्रीय कारा सहित 41 जेलों में होगी पढ़ाई

जानकारी के अनुसार गृह विभाग ने पहले चरण में राज्य के आठ केन्द्रीय कारा सहित 41 जेलों में बंद कैदियों को कंप्यूटर का व्यावहारिक प्रशिक्षण दिए जाने की योजना बनाई है. इसको लेकर कारा निरीक्षणालय पहले ही 250 कंप्यूटर सेट, यूपीएस एवं कंप्यूटर टेबल की खरीद को लेकर 2.25 करोड़ रुपये की प्रशासनिक स्वीकृति दे चुका है. इसके तहत पटना के आदर्श केंद्रीय कारा बेऊर को सबसे अधिक 15 कंप्यूटर सेट दिया जाना है. वहीं, बक्सर, मोतिहारी, मुजफ्फरपुर, पूर्णिया, भागलपुर और गया के केंद्रीय एवं विशेष कारा को 10-10 कंप्यूटर सेट, जबकि 33 मंडल काराओं को पांच-पांच कंप्यूटर सेट मिलने हैं.

‘ मुक्ति ‘ ब्रांड के नाम से बन रहा प्रोडक्ट

विभागीय सूत्रों की माने तो धीरे-धीरे सभी जेलों में इसे लागू कर दिया जाएगा. बिहार की जेलों में बंद कैदियों की ऊर्जा का सकारात्मक इस्तेमाल करने के लिए उनको जेल परिसर में ही चलाये जानेवाले विभिन्न लघु उद्योगों से भी जोड़ा गया है. यह कैदी जेल में सरसों तेल, मसाला पाउडर, वूडेन डेकोरेटिव आइडटम, जूट से बनी सामग्रियों व डिजाइनर ड्रेस आदि तैयार कर रहे हैं. इन्हें खुले बाजार में ‘ मुक्ति ‘ ब्रांड के नाम से बेचा जा रहा है. इससे कैदियों के नकारात्मक कार्यों पर रोक लगने के साथ ही उनकी कार्यकुशलता और आय भी बढ़ रही है.

Also Read: Folk Band: मिथिला का ‘फोक बैंड’ रसनचौकी, इन पांच वाद्ययंत्रों पर कभी नहीं बजता शोक धुन

Ashish Jha
Ashish Jha
डिजिटल पत्रकारिता के क्षेत्र में 10 वर्षों का अनुभव. लगातार कुछ अलग और बेहतर करने के साथ हर दिन कुछ न कुछ सीखने की कोशिश. वर्तमान में पटना में कार्यरत. बिहार की सामाजिक-राजनीतिक नब्ज को टटोलने को प्रयासरत. देश-विदेश की घटनाओं और किस्से-कहानियों में विशेष रुचि. डिजिटल मीडिया के नए ट्रेंड्स, टूल्स और नैरेटिव स्टाइल्स को सीखने की चाहत.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel