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लाठीचार्ज के 50 साल: कैसे बेहोश हुए जेपी, किसने किया लाठी से चोट लगने का दावा, तत्कालीन डीएम ने बताया पूरा सच

Jaiprakash Narayan: दोपहर के 12:30 बज रहे थे. टीयर गैस के इस्तेमाल से गर्मी और बढ़ गयी. 70 साल के बुजुर्ग जयप्रकाश जी जीप से उतर कर परेशान होकर गिर पड़े. उस समय पीटीआइ के पत्रकार घोष साहब थे. उन्होंने एक लाइन का न्यूज रिलीज कर दिया कि पुलिस लाठीचार्ज में घायल होकर जयप्रकाश जी सड़क पर गिर पड़े.

Jaiprakash Narayan: पटना. संपूर्ण क्रांति के नायक जय प्रकाश नारायण पर 4 जून 1974 को हुए पुलिस लाठीचार्ज को लेकर पटना के तत्कालीन जिलाधिकारी वीएस दूबे ने दावा किया है कि जयप्रकाश को लाठी नहीं लगी थी, बल्कि टीयर गैस की गर्मी से वो बेहोश होकर गिरे थे. उस दिन की पूरी घटना को याद करते हुए बीएस दूबे कहते हैं कि यह घटना चार नवंबर 1974 की है. कदमकुआं स्थित जेपी के निवास स्थान से सुबह नौ बजे रैली निकली. कदमकुआं के पास ही पार्क में करीब 600 लोग इकट्ठा हुए. प्रण था कि रैली शांतिपूर्ण होगी. किसी पर हमला नहीं होगा. प्रदर्शनकारियों ने काली पट्टी बांध रखी थी. नाला रोड, कदमकुआं, अशोक राजपथ, पटना विवि होते हुए गांधी मैदान पहुंचने तक रैली में 25-30 हजार लोग जुड़ चुके थे.

खुली जीप में सवार थे जेपी

जेपी सहित प्रदर्शनकारी गांधी मैदान को अंदर से लांघते हुए मौर्या होटल के पास तक पहुंचे. यहां से वह खुली जीप में सवार हो गये. आगे-आगे जीप और पीछे-पीछे हजारों की भीड़ थी. मंदिरी नाला तक पहुंचते यह संख्या करीब 50 हजार तक हो गयी. हर गली-मुहल्ले से आकर लोग जुड़ते जा रहे थे. मंदिरी नाले के पास मात्र 12 फुट की पतली पुलिया और उसके बगल में 12-14 फुट का रोड था. भीड़ जब पुलिया पर पहुंची तो प्रशासन ने बार-बार घोषणा की कि जयप्रकाश जी को रोका नहीं जायेगा. लेकिन, भीड़ को आगे नहीं जाने दिया जायेगा. उस वक्त एसेंबली सत्र चल रहा था. उससे पहले 18 मार्च को घटना हो चुकी थी. लेकिन जब भीड़ ने जबरन पुलिया से आगे बढ़ने की कोशिश की, तो मजबूरन टीयर गैस का इस्तेमाल करना पड़ा. तब तक जयप्रकाश जी सहित 100-50 लोग पुलिया के इस तरफ आ चुके थे.

उनको न लाठी लगी, न कंधा लगा

दोपहर के 12:30 बज रहे थे. टीयर गैस के इस्तेमाल से गर्मी और बढ़ गयी. 70 साल के बुजुर्ग जयप्रकाश जी जीप से उतर कर परेशान होकर गिर पड़े. गार्डिनर अस्पताल के समीप बड़े-बड़े पेड़ थे. उसके नीचे आकर उनको लिटा दिया गया. उस समय पीटीआइ के पत्रकार घोष साहब थे. उन्होंने एक लाइन का न्यूज रिलीज कर दिया कि पुलिस लाठीचार्ज में घायल होकर जयप्रकाश जी सड़क पर गिर पड़े. लेकिन, सच्चाई यही थी कि पुलिस वाले जीप को घेर कर चल रहे थे. उनको न लाठी लगी, न कंधा लगा. मैंने अपने आदमी को पानी लेकर जयप्रकाश जी को पिलाने भेजा, लेकिन उनके आसपास के लोगों ने पानी फेंक दिया. मेडिकल ऑफिसर को भेज कर उनके स्वास्थ्य की जांच करायी. उन्होंने बताया कि लाठी से चोट नहीं लगी. सिर्फ पैर में खरोंच है, जो शायद गांधी मैदान की बाउंड्री को पार करते वक्त लगी होगी.

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डॉ आरबीपीएम सिन्हा ने दी थी जांच रिपोर्ट

15-20 मिनट के बाद भगदड़ से बचे हुए लोग इकट्ठा होकर वीरचंद पटेल पथ के रास्ते सरपेंटाइन रोड के रास्ते विधानसभा की ओर जाने लगे. इस बीच रोके जाने पर जयप्रकाश जी सरपेंटाइन रोड में तत्कालीन वित्त मंत्री दारोगा प्रसाद राय के आवास के सामने उनके इस्तीफे की मांग को लेकर बैठ गये. करीब 250 लोग थे, जिनको गिरफ्तार कर बस से चिड़ियाघर भेजा गया. मगर जयप्रकाश जी 15-20 लोगों के साथ वहीं बैठे रहे. शाम करीब पांच बजे पीएमसीएच के डॉक्टर और जेपी के मित्र डॉ आरबीपीएम सिन्हा को मजिस्ट्रेट द्वारा बुलवाया गया. उन्होंने भी जयप्रकाश जी की जांच कर रिपोर्ट दी, जिसमें सब ठीक होने की बात कही गयी. शाम करीब 5:30 बजे धरना समाप्त होने पर पहले से गिरफ्तार कर रखे गये 250 लोगों को भी रिलीज कर दिया गया.

Ashish Jha
Ashish Jha
डिजिटल पत्रकारिता के क्षेत्र में 10 वर्षों का अनुभव. लगातार कुछ अलग और बेहतर करने के साथ हर दिन कुछ न कुछ सीखने की कोशिश. वर्तमान में पटना में कार्यरत. बिहार की सामाजिक-राजनीतिक नब्ज को टटोलने को प्रयासरत. देश-विदेश की घटनाओं और किस्से-कहानियों में विशेष रुचि. डिजिटल मीडिया के नए ट्रेंड्स, टूल्स और नैरेटिव स्टाइल्स को सीखने की चाहत.

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