शांतनु राज, पटना : गर्दनीबाग स्थित अस्पताल में मरीजों को इन दिनों कई असुविधाओं का सामना करना पड़ रहा है. वार्ड में लगे पंखे खराब होने से मरीजों और उनके परिजनों को रात में गर्मी से जूझना पड़ता है. वहीं अस्पताल में डॉक्टरों, कर्मचारियों और मरीजों के लिए लगा चिलर फिल्टर भी खराब पड़ा है. इस साल अस्पताल में जेनरेटर की सुविधा तो बहाल की गयी है, लेकिन अस्पताल कर्मचारियों के अनुसार इसका स्टार्टर बार-बार खराब हो जाता है. इस वजह से कई बार मरीजों का इलाज अंधेरे में टॉर्च जलाकर करना पड़ता है. अस्पताल कर्मियों ने जेनरेटर को ठीक कराने के लिए कई बार पत्राचार भी किया है, लेकिन स्थिति में अब तक कोई खास सुधार नहीं हुआ है.
वार्ड में खराब पड़े हैं पंखे
जब इस अस्पताल की पड़ताल की गयी, तो भर्ती मरीजों के लिए वार्ड में लगे पंखा खराब पाये गये. वहीं, अस्पताल कर्मचारियों से मिली जानकारी के अनुसार वाटर चिलर मशीन भी कई दिनों से खराब पड़ा है. इस वजह से भर्ती मरीजों को पीने के लिए बाहर से पानी की व्यवस्था करनी पड़ रही है.
जन औषधि केंद्र के लाइसेंस का नवीकरण नहीं
अस्पताल में जन औषधि केंद्र की सुविधा भी दी गयी थी, लेकिन उस पर भी कुछ महीने पहले ताला लटक चुका है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जन औषधि केंद्र संचालक का लाइसेंस खत्म होने के बाद अब तक किसी को लाइसेंस रिन्यू नहीं किया गया है. वहीं अस्पताल के पीछे बने शौचालय भी कामचलाऊ हैं. कुछ बने शौचालय तो साफ -सफाई नहीं होने से बेकार भी हो चुके हैं.
ट्रेनों की आवाज से भी समस्या
अस्पताल से सटे सचिवालय रेलवे हॉल्ट से गुजरने वाली ट्रेनों की आवाज से भर्ती मरीजों को काफी समस्या का सामना करना पड़ता है. अस्पताल में भर्ती मरीजों का कहना है कि 24 घंटे में औसतन हर आधे घंटे पर ट्रेन गुजरती है. रात के समय में ट्रेनों की आवाज से नींद खराब हो जाती है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है