संवाददाता, पटना : जिला उपभोक्ता आयोग ने एक ज्वेलरी दुकानदार को गलत शुद्धता के सोने के आभूषण बेचने के मामले में दोषी करार देते हुए तीन लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया है. आयोग ने यह आदेश डाकबंगला चौराहा स्थित मोहन अलंकार ज्वेलर्स एंड कंपनी के खिलाफ दिया है. शिकायतकर्ता निखिल कुमार ने आयोग को बताया कि उन्होंने 25 जनवरी, 2016 को उस दुकान से 22 कैरेट शुद्धता के आश्वासन पर 50 ग्राम वजन का हार सेट सहित अन्य आभूषणों की खरीद लगभग 1.44 लाख रुपये में की थी. साथ ही 192 मिलीग्राम वजन के कई अन्य आभूषण जैसे बाला, टीका, नथूनी, अंगूठी, ढोलना और अन्य जेवर भी खरीदे थे, जिनकी कीमत 1.58 लाख रुपये थी. लेकिन, साल 2016 में जब निखिल ने एचडीएफसी बैंक से गोल्ड लोन के लिए आवेदन किया, तो बैंक की जांच में आभूषण 22 की जगह 18 कैरेट के निकले. इस पर दुकानदार से शिकायत की गयी, लेकिन उसने कोई सुनवाई नहीं की. शिकायत के समर्थन में निखिल कुमार ने चालान और अन्य दस्तावेज आयोग के समक्ष प्रस्तुत किये. दुकानदार की ओर से कोई लिखित उत्तर नहीं दायर किया गया. आयोग ने इन दस्तावेजों और स्थिति को पर्याप्त मानते हुए दुकानदार को दोषी ठहराया. आयोग के अध्यक्ष प्रेम रंजन मिश्र और सदस्य रजनीश कुमार ने आदेश दिया कि दुकानदार या तो समान डिजाइन और वजन के 22 कैरेट के आभूषण दे या फिर 22 और 18 कैरेट के मूल्य के अंतर के साथ आभूषण की कीमत के 40 प्रतिशत के अनुसार विनिर्माण लागत और उस पर तिमाही आधार पर 16 प्रतिशत वार्षिक चक्रवृद्धि ब्याज के साथ राशि लौटाये. साथ ही आयोग ने दुकानदार को मानसिक क्षति के लिए दो लाख रुपये और मुकदमे के खर्च के रूप में एक लाख रुपये अदा करने का निर्देश दिया है. आयोग ने स्पष्ट किया कि यह आदेश 120 दिनों में लागू किया जाये, अन्यथा अतिरिक्त 10 हजार रुपये निष्पादन लागत के रूप में देय होंगे.
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