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Mahashivratri 2025: महाशिवरात्रि आज, शिवालयों में होगी अति दुर्लभ संयोग में महादेव की पूजा-अर्चना

Mahashivratri 2025: आज महाशिवरात्रि है. शिवालयों में अति दुर्लभ संयोग में महादेव की पूजा-अर्चना की जाएगी. शिवालयों में बड़ी संख्या में जलाभिषेक के लिए श्रद्धालु पहुंचे हुए है.

Mahashivratri 2025: सासाराम जिले में महाशिवरात्रि के दिन बुधवार को अति दुर्लभ संयोग में महादेव की पूजा-अर्चना होगी. शिवालयों में हर-हर महादेव, बम-बम बोले… गूंजेंगे. गांव से लेकर शहर तक शिवालयों में जलाभिषेक के लिए जनसैलाब उमड़ेगा. शिवालय में तैयारी पूरी की गयी है. शिवालयों को आकर्षक ढंग से सजाया गया है. शिवालयों में बड़ी संख्या में जलाभिषेक के लिए श्रद्धालु पहुंचेंगे. भीड़ को नियंत्रित करने के लिए विभिन्न मंदिर के कमेटियों की ओर से व्यवस्था की गयी है.

विभिन्न शिवालयों की मान्यताएं

करगहर के बाबा सिद्धेश्वर नाथ महादेव का मंदिर श्रद्धालुओं का तांता लगता है. मान्यताएं है कि सदियों पुराने शिव मंदिरों में से एक है. जिन्हें प्राचीन शिव मंदिर के नाम से जाना जाता है. सालोभर शिव भक्तों का तांता लगा रहता है. लेकिन, सावन महिना व महा शिवरात्रि के अवसर पर इनके दर्शन का खासा महत्व होता है. इनके दर्शन मात्र से श्रद्धालुओं के सभी मनोरथ पूर्ण हो जाते हैं.

दसशीशानाथ महादेव की पूजा

नौहट्टा के बीच धारा में कोयल, सोन व सरस्वती (स्थानीय लोगों के अनुसार) नदी के संगम पर स्थापित दसशीशानाथ महादेव का स्थान है. तीन नदियों के संगम पर होने के कारण इस स्थान की सुंदरता मनोरम दृश्य देखने लायक है. दसशीश नाथ महादेव शिवलिंग की पूजा त्रेतायुग में रावण ने की थी. ऐसा शास्त्रों में प्रमाण मिलता है. ऐसी मान्यता है कि पौराणिक काल से इस शिवलिंग की पूजा होती रही है.

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तिलेश्वर महादेव मंदिर

सासाराम के तकिया मुहल्ला स्थित तिलेश्वर महादेव मंदिर का है. ऐसी लोगों की मान्यता है कि तिलेश्वर महादेव प्रतिवर्ष एक तील के बराबर उनकी आकार में बढ़ोत्तरी होती है. जब लोग सो जाते है, तो मध्य रात्रि में मणी युक्त नाग उनके आसपास विचरण करता है. ऐसी मान्यता है कि बाबा के दर्शन करके कोई कार्य प्रारंभ करने से रुकावट नहीं आती है.

गुप्ताधाम की महिमा

चेनारी के गुप्तेश्वर महादेव गुप्ताधाम की मान्यता है कि जब भस्मासुर ने भगवान शंकर के सर पर हाथ रखने का प्रयास किया था, तो भगवान शंकर इस गुफा में आकर छिप गये थे. उस आदि काल से गुप्तेश्वर महादेव का पूजा-अर्चना करते है. ऐसी मान्यता है कि जो लोग अपनी मनोकामना लेकर जाते है. उनकी मनोकामना पूरी होती है. संझौली के शिव सरेाबर तट पर स्थित शिवालय का बहुत ही महत्व है. क्षेत्र के लोगों का कहना है कि यह मंदिर का निर्माण राजा सेन ने कराया था. यह शिवालय अति प्राचीन माना जाता है. क्षेत्र के लोग मन्नत मांगते है तो उनकी मनोरथ पूरी हो जाती है.

विभिन्न स्थानों पर मेले का होगा आयोजन

प्रदेश के विभिन्न शिवालयों में बुधवार की सुबह से ही भीड़ उमड़ेगी. दूर-दराज से श्रद्धालु अपने परिवार के साथ शिवालयों में पहुंच कर पूजा-अर्चना करेंगे. सर्वाधिक भीड़ बड़ा सासाराम के बुढ़वा महादेव मंदिर, तकिया स्थित तिलेश्वर महादेव मंदिर, त्रिनेत्र गुफा सहित कई स्थानों पर भव्य मेले का भी आयोजन होगा. महिला व बच्चे मेले में जमकर खरीदारी भी करते हैं. इसके अलावा कुसौंधी के शिव मंदिर में भी दूर दराज से श्रद्धालु जल चढ़ाने के लिए पहुंचेगे.

श्री शंकर ज्ञान महायज्ञ में निकलेगी शिव की बरात

देवाधिदेव महादेव के विवाह के उत्सव की तैयारियां पूरी हो गयी है, हर-हर महादेव के जयघोष से इलाका गूंजने लगा है. बुधवार को भगवान शिव की भव्य बारात शहर में निकलेगी. इसमें देव मुनियों के साथ भूत-बेताल शामिल होंगे. शहर के तकिया स्थित श्री तिलेश्वर महादेव मंदिर परिसर में चल रहे श्री शंकर ज्ञान महायज्ञ का समापन होगा. इस अवसर पर शिव मंदिर से शोभायात्रा की शक्ल में विशाल बरात निकलेगी. महाशिवरात्रि के अवसर पर शिव विवाह के कार्यक्रम की तैयारी हो गयी हैं. इसका श्रीगणेश रुद्राभिषेक से होगा. विगत चार दशक से चली आ रही परंपरा के तहत इस बार भी महाशिवरात्रि पर शहर में शिवजी की बारात निकलेगी. बरात में आम से लेकर खास तक शामिल होंगी, इसके बाद शाम में सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जायेगा, जिसमें कलाकार प्रस्तुति देंगे.

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Radheshyam Kushwaha
Radheshyam Kushwaha
पत्रकारिता की क्षेत्र में 12 साल का अनुभव है. इस सफर की शुरुआत राज एक्सप्रेस न्यूज पेपर भोपाल से की. यहां से आगे बढ़ते हुए समय जगत, राजस्थान पत्रिका, हिंदुस्तान न्यूज पेपर के बाद वर्तमान में प्रभात खबर के डिजिटल विभाग में बिहार डेस्क पर कार्यरत है. लगातार कुछ अलग और बेहतर करने के साथ हर दिन कुछ न कुछ सीखने की कोशिश करते है. धर्म, राजनीति, अपराध और पॉजिटिव खबरों को पढ़ते लिखते रहते है.

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