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मैथिली को मिला ऐतिहासिक सम्मान, अब संसद की कार्यप्रणाली में शामिल हुई बिहार की ये भाषा

Bihar News: बिहार के लिए आज का दिन ऐतिहासिक है, क्योंकि केंद्र सरकार ने मैथिली भाषा को संसद की कार्यवाही का हिस्सा बनाया है. अब इस निर्णय से मैथिली बोलने वाले लोग संसद की बहसों को अपनी मातृभाषा में समझ सकेंगे, जिससे बिहार की सांस्कृतिक पहचान को नया सम्मान मिला है.

Bihar News: बिहार के लिए आज एक ऐतिहासिक दिन साबित हुआ है, जब केंद्र सरकार ने मैथिली भाषा को संसद के भाषणों के अनुवाद में शामिल करने का फैसला लिया. इस कदम से बिहार की सांस्कृतिक धरोहर को एक नई पहचान मिली है और राज्य के लाखों मैथिली भाषी लोगों को गर्व महसूस होगा. इस संबंध में बिहार के डिप्टी CM सम्राट चौधरी अपने सोशल मीडिया पर इस बात की जानकारी दी.

बिहार के डिप्टी CM सम्राट चौधरी ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा बिहार की गौरव भाषा मैथिली समेत 6 अन्य भारतीय भाषाओं को संसदीय कार्यप्रणाली का हिस्सा बनाया गया है. अब इन भाषाओं में भी लोकसभा की कार्यवाही का त्वरित भाषांतर होगा. सम्राट चौधरी ने कहा कि PM नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में मखाने से लेकर मैथिली तक, बिहार का सम्मान लगातार बढ़ रहा है.

केंद्र सरकार का बड़ा फैसला

केंद्र सरकार ने संसद में दिए जाने वाले भाषणों के अनुवाद की प्रक्रिया में छह नई भाषाओं को जोड़ा है. इनमें मैथिली भी शामिल है, जिससे यह भाषा अब संसद के भाषणों का हिस्सा बन गई है. इससे पहले, संसद में भाषणों का अनुवाद 22 भाषाओं में होता था, लेकिन अब यह संख्या बढ़कर 28 हो गई है.

प्रधानमंत्री मोदी की पहल से मिला मैथिली को सम्मान

यह कदम PM नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में उठाया गया है, जिसका उद्देश्य राज्य की भाषाई विविधता को सम्मानित करना है. मैथिली बोलने वाले लोग अब संसद की चर्चाओं को अपनी मातृभाषा में समझ सकेंगे, जो बिहार के लिए एक बड़ा सम्मान है.

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संसद में भाषण के अनुवाद में ये 6 बोलियां सम्मिलित हुई

मोदी सरकार ने संसद के भाषणों के अनुवाद में बोडो, डोगरी, मैथिली, मणिपुरी, उर्दू, और संस्कृत जैसी छह नई भाषाओं को शामिल किया है. इसके साथ ही अब संसद के भाषणों को कुल 28 भाषाओं में अनुवादित किया जा सकता है. यह कदम देश की भाषाई विविधता को मान्यता देने के लिए उठाया गया है, जिससे सभी भाषाई समुदाय अपनी मातृभाषा में संसद की चर्चाओं को समझ सकेंगे.

Anshuman Parashar
Anshuman Parashar
मैं अंशुमान पराशर पिछले एक वर्ष से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हूं. वर्तमान में प्रभात खबर डिजिटल बिहार टीम से जुड़ा हूं. बिहार से जुड़े सामाजिक, राजनीतिक, अपराध और जनसरोकार के विषयों पर लिखने में विशेष रुचि रखता हूं. तथ्यों की प्रमाणिकता और स्पष्ट प्रस्तुति को प्राथमिकता देता हूं.

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