संवाददाता, पटना
बिहार ने लोकतंत्र के महायज्ञ बिहार विधानसभा चुनाव- 2025 में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने की तैयारी में है. विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर इस बार एक नया लक्ष्य तय हुआ है. हर जिले और विधानसभा क्षेत्र में 66 प्रतिशत मतदान सुनिश्चित कराने का काम होगा. इसी को ध्यान में रखते हुए मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय ने ‘मिशन 60’ नामक विशेष अभियान की शुरुआत की है. इस अभियान के तहत हर विधानसभा क्षेत्र में सबसे कम मतदान करने वाले 60 बूथों की पहचान की जायेगी और इन पर विशेष प्रयास के जरिए मतदान प्रतिशत को 66 प्रतिशत तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है. पिछले कुछ चुनावों में बिहार का मतदान प्रतिशत राष्ट्रीय औसत से करीब 10 प्रतिशत पीछे रहा है. उदाहरण के तौर पर लोकसभा चुनाव -2024 में जहां राष्ट्रीय औसत 66.1 प्रतिशत था, वहीं बिहार में यह सिर्फ 56.28 प्रतिशत रहा. विधानसभा चुनावों में भी पिछले एक दशक में यह आंकड़ा 56 से 57 प्रतिशत के बीच ही झूलता रहा है. इस अंतर को मिटाने का निर्वाचन आयोग ने जिलाधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे अपने-अपने जिले की मतदाता सहभागिता का विश्लेषण करें और मतदान बढ़ाने की ठोस कार्ययोजना तैयार करें. ‘मिशन 60’ के तहत महिलाओं, दिव्यांगजनों, वरिष्ठ नागरिकों, ट्रांसजेंडर समुदाय और प्रवासी श्रमिकों को विशेष रूप से जोड़ने की रणनीति बनेगी. इसके अलावा नये मतदाताओं के पंजीकरण को भी प्राथमिकता दी जायेगी.ऑनलाइन पंजीकरण को बढ़ावा देने के लिए चुनावी पाठशालाएं, कैंपस एंबेसडर्स, और सामुदायिक प्रचार को तेज किया जायेगा. पोस्टल बैलेट के विकल्प पर विशेष जागरूकता चलायी जायेगी, खासकर वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांग मतदाताओं के लिए. बूथ बनेंगे आदर्श: इस अभियान का चेहरा होंगे महिला संचालित बूथ, आदर्श मतदान केंद्र और स्थानीय संस्कृति से जुड़े प्रचार सामग्री. हर जिले को अपनी सांस्कृतिक और भौगोलिक पहचान के अनुरूप टैगलाइन और लोगो तैयार करने को कहा गया है. पंचायत से प्लेटफॉर्म तक जागरूकता: त्योहारों, मेलों, ग्राम सभाओं, और अन्य सार्वजनिक आयोजनों में भी मतदान के प्रति जागरूकता का प्रसार किया जायेगा. इसके लिए जीविका, आइसीडीएस, पोस्टऑफिस सहित विभिन्न विभागों की भागीदारी सुनिश्चित की जायेगी.
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