Bihar News: विधायक खरीद-फरोख्त मामले की जांच बिहार की आर्थिक अपराध इकाई (EOU) कर रही है. मंगलवार को इओयू ने इंजीनियर सुनील कुमार से करीब तीन घंटे तक पूछताछ की. इस दौरान कई सवालों का सामना सुनील कुमार को करना पड़ा. कई सवालों के जवाब भी उसने नहीं दिए. ईओयू के पास जो सबूत मौजूद थे उसका सत्यापन भी हुआ. विधायकों के खरीद-फरोख्त में बालू माफियाओं से मिलने वाले पैसों के इस्तेमाल की बात भी सामने आ रही है.
माफियाओं के पैसे से विधायकों को खरीदने की कोशिश!
इओयू ने जो सबूत पूर्व में जमा किए थे, उसका सत्यापन सुनील कुमार से कराया गया. सूत्र बताते हैं कि जांच में यह भी पता चला है कि विधायकों को प्रभावित करने के लिए जो पैसे जमा किए जाने थे वो बालू माफियाओं समेत कई अन्य संगठित नेटवर्क से आना था. इओयू की टीम ने बालू माफिया समेत अन्य संगठित नेटवर्क से होने वाली फंडिग से जुड़े सवाल भी सुनील से विस्तार से किए.
ALSO READ: बिहार में मुखिया के बाद अब वार्ड सदस्य की गोली मारकर हत्या, तीन महीने पहले ही हुई थी परमजीत की शादी
सुनील ने माफियाओं से कनेक्शन को कबूला?
सूत्र बताते हैं कि इंजीनियर सुनील ने माफियाओं से अपने संबंध होने की बात को स्वीकार कर लिया है. दरअसल, इओयू के पास वो तमाम सबूत मौजूद थे, जिससे पता चल सके कि सुनील का कनेक्शन माफिया नेटवर्क से था.
बढ़ सकती है सुनील की मुश्किलें
बता दें कि विधायक खरीद-फरोख्त प्रकरण में इंजीनियर को नामजद अभियुक्त बनाया गया. जिसके बाद सुनील ने कोर्ट की शरण ली थी. इओयू के सूत्र बताते हैं कि जांच आगे बढ़ने के साथ ही इंजीनियर सुनील को दोबारा नोटिस भी भेजा जा सकता है.
क्या है विधायक खरीद-फरोख्त मामला?
यह मामला एक जदयू विधायक की शिकायत के बाद सुर्खियों में आया. इसी साल फरवरी महीने में पटना के थाने में केस दर्ज किया गया. बाद में मामला ईओयू को ट्रांसफर कर दिया गया. जिसमें जदयू विधायक ने कई एनडीए विधायकों को महागठबंधन के पक्ष में वोट दिलाने की कोशिश और इसके लिए मंत्री पद समेत 10-10 करोड़ रुपए का प्रलोभन दिए जाने का दावा किया. इसी प्रकरण में इंजीनियर सुनील कुमार का नाम उछला और इओयू ने दबिश तेज की.