संवाददाता, पटना मगध विश्वविद्यालय बोधगया के कुलपति प्रो एसपी शाही ने कोलकाता स्थित चीनी काउंसलेट में चीन के काउंसल जनरल मिस्टर शू वेई से एक महत्वपूर्ण और सौहार्द्रपूर्ण मुलाकात मंगलवार को मौर्या होटल में की. इस बैठक में भारत और चीन के बीच शैक्षणिक, सांस्कृतिक और तकनीकी सहयोग के नये आयामों को लेकर गहन विचार-विमर्श किया गया. चर्चा का मुख्य केंद्र बिंदु यह रहा कि कैसे दोनों देश कौशल-आधारित शिक्षा को आपसी साझेदारी का सशक्त माध्यम बनाकर क्षेत्रीय और वैश्विक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं. प्रो शाही ने कहा कि भारत और चीन विश्व की दो प्राचीनतम और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत वाले देश हैं, जिनकी जनसंख्या, संसाधन और नवाचार की क्षमता विश्व में अग्रणी है. यदि ये दोनों देश मिलकर शिक्षा और कौशल विकास के क्षेत्र में संयुक्त प्रयास करें, तो यह सहयोग न केवल एशियाई महाद्वीप को बल्कि संपूर्ण विश्व को नयी दिशा दे सकता है. चीन के काउंसल जनरल शू वेई ने प्रो शाही के विचारों से गहरी सहमति प्रकट करते हुए कहा कि भारत और चीन के बीच शैक्षणिक एवं तकनीकी सहयोग को बढ़ावा देना समय की आवश्यकता है. उन्होंने कौशल आधारित पाठ्यक्रमों, छात्र-शिक्षक विनिमय कार्यक्रम, संयुक्त शोध परियोजनाओं तथा द्विभाषी प्रशिक्षण कार्यक्रमों को आरंभ करने की संभावनाओं पर बल दिया. मुलाकात के दौरान यह सहमति बनी कि दोनों देशों के विश्वविद्यालयों के बीच संवाद और सहयोग के लिए औपचारिक एमओयू की प्रक्रिया को गति दी जानी चाहिए, जिससे शिक्षा के क्षेत्र में दीर्घकालिक साझेदारी स्थापित हो सके. प्रो शाही ने यह भी कहा कि भारत और चीन के बीच बेहतर रिश्ते केवल इन दो देशों के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे एशिया और विश्व के लिए लाभकारी होंगे. उन्होंने जोर देकर कहा कि युवा शक्ति को सही दिशा में प्रशिक्षित करना ही एक समृद्ध, शांतिपूर्ण और सहयोगी वैश्विक व्यवस्था की नींव रख सकता है. यह मुलाकात भारत-चीन संबंधों में शैक्षणिक और सांस्कृतिक कूटनीति के एक नये अध्याय की शुरुआत के रूप में देखी जा रही है. आने वाले दिनों में इस संवाद के ठोस परिणाम देखने की उम्मीद की जा रही है.
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