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Munshi Premchand Jayanti: साहित्य नहीं, समाज की आत्मा है ये कहानियां, यहां पढ़ें मुंशी प्रेमचंद की जयंती पर विशेष स्टोरी

Munshi Premchand Jayanti: हिंदी साहित्य के महान कथाकार मुंशी प्रेमचंद की रचनाएं आज भी पाठकों की पहली पसंद बनी हुयी है. उनकी पुस्तकें देशभर में सबसे ज्यादा बिकने वाली साहित्यिक कृतियों में शामिल हैं. उनके उपन्यासों और कहानियों की लोकप्रियता समय के साथ और भी बढ़ी है.

Munshi Premchand Jayanti: पाठकों और साहित्य प्रेमियों के बीच उनकी कालजयी कृतियां आज भी जीवंत हैं. हिंदी साहित्य के युग निर्माता मुंशी प्रेमचंद की लेखनी का जादू आज के दौर के सभी पाठकों के सिर चढ़कर बोल रहा है. प्रेमचंद की लोकप्रियता में कभी कमी नहीं आयी. उनकी कालजयी कृतियां ‘गोदान’, ‘निर्मला’, ‘गबन’, ‘ईदगाह’, ‘निर्मला’, ‘कफन’ ‘पूस की रात’, ‘ठाकुर का कुआं’ आज भी देश की सबसे ज्यादा बिकने वाली पुस्तकों में शामिल हैं.

मुंशी प्रेमचंद की किताबें आज भी हैं बेस्टसेलर

प्रभात प्रकाशन के डॉ पीयूष कहते हैं कि उनकी उपन्यास व कहानियों की किताब आज भी बेस्टसेलर हैं. मुंशी प्रेमचंद ने अपने साहित्य को सिर्फ मनोरंजन का माध्यम नहीं, बल्कि समाज सुधार का औजार बनाया. भले ही प्रेमचंद का समय बीत चुका हो, लेकिन उनके विचार, संवेदनाएं और कहानियां आज भी उतनी ही प्रासंगिक हैं जितनी उस दौर में थीं. यही कारण है कि उनकी लिखी कई पुस्तकें आज भी देशभर के बुक स्टॉल और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर सर्वाधिक बिकने वाली पुस्तकों की सूची में शुमार हैं.

ऑनलाइन-ऑफलाइन रहती है मांग

पुस्तक विक्रेताओं के अनुसार प्रेमचंद की किताबों की बिक्री साल भर बनी रहती है, लेकिन जुलाई-अगस्त में उनकी जयंती के अवसर पर इनकी मांग विशेष रूप से बढ़ जाती है. अन्य इ-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स पर ‘गोदान’ और ‘निर्मला’ जैसे उपन्यासों की हजारों प्रतियां हर महीने बिक रही हैं. हिंदी के अलावा उर्दू, अंग्रेजी और अन्य भारतीय भाषाओं में अनुवादित संस्करण भी खूब खरीदे जा रहे हैं.

अंग्रेजी संस्करणों की डिमांड भी है ज्यादा

प्रभात प्रकाशन के डॉ पीयूष कहते हैं कि अब तो अंग्रेजी संस्करणों की डिमांड भी काफी आ रहे हैं. उनकी प्रसिद्ध कहानियों में पंच परमेश्वर, ईदगाह, कफन, ठाकुर का कुआं और बड़े घर की बेटी, बूढ़ी काकी, दो बैलों की कथा, अनाथ लड़की, अपनी करनी, अमृत, कर्मों का फल, पुत्र प्रेम आदि की डिमांड काफी है.

प्रेमचंद की रचनाएं साहित्य पाठ्यक्रम का हिस्सा

एएन कॉलेज हिंदी विषय के प्रो संजय कहते हैं कि प्रेमचंद ने साहित्य को केवल कला का माध्यम नहीं, बल्कि सामाजिक सुधार का औजार बनाया. उनके लेखन में शोषित, पीड़ित, दलित, किसान और स्त्रियों की आवाज गूंजती है. यही कारण है कि डिजिटल युग में भी उनका साहित्य पाठकों के दिलों से जुड़ा हुआ है. देश के तमाम स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में प्रेमचंद की रचनाएं साहित्य पाठ्यक्रम का हिस्सा हैं. उनके पात्र और प्रसंग आज भी साहित्यिक चर्चाओं और मंचों पर गूंजते रहते हैं.

ये किताबें आज भी लोगों की पहली पसंद

प्रेमचंद की रचनाएं समाज की सच्चाइयों का आइना हैं. उनकी प्रमुख पुस्तकें जो आज भी खूब पढ़ी और खरीदी जाती हैं, उनमें शामिल हैं:

  • गोदान: किसान की पीड़ा और वर्ग संघर्ष पर आधारित यह उपन्यास प्रेमचंद की अंतिम और सबसे सशक्त कृति मानी जाती है.
  • गबन: महिलाओं की स्थिति और मध्यमवर्गीय समाज की हकीकत को उजागर करता यह उपन्यास आज भी बहुत लोकप्रिय है.
  • निर्मला: बाल विवाह और दहेज प्रथा जैसे ज्वलंत मुद्दों पर लिखी गयी यह रचना आज के समाज के लिए भी बेहद प्रासंगिक है.
  • कफन: गरीबी, लाचारी और मानवीय संवेदनाओं को झकझोर देने वाली यह कहानी हिंदी कथा साहित्य की सबसे मार्मिक रचनाओं में से एक है.
  • ईदगाह: मासूम हामिद की कहानी जो हर उम्र के पाठक के दिल को छू जाती है.
  • पूस की रात, ठाकुर का कुआं, बड़े घर की बेटी, दो बैलों की कथा जैसी कहानियां स्कूल-कॉलेजों में भी पढ़ाई जाती हैं और किताबों की दुकानों पर सबसे अधिक बिकने वाली सूची में लगातार बनी रहती हैं.

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Radheshyam Kushwaha
Radheshyam Kushwaha
पत्रकारिता की क्षेत्र में 12 साल का अनुभव है. इस सफर की शुरुआत राज एक्सप्रेस न्यूज पेपर भोपाल से की. यहां से आगे बढ़ते हुए समय जगत, राजस्थान पत्रिका, हिंदुस्तान न्यूज पेपर के बाद वर्तमान में प्रभात खबर के डिजिटल विभाग में बिहार डेस्क पर कार्यरत है. लगातार कुछ अलग और बेहतर करने के साथ हर दिन कुछ न कुछ सीखने की कोशिश करते है. धर्म, राजनीति, अपराध और पॉजिटिव खबरों को पढ़ते लिखते रहते है.

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