संवाददाता, पटना
कदमकुंआ स्थित बिहार हिंदी साहित्य सम्मेलन में चल रही ऋषि सेवा समिति श्रीमद्भागवत कथा के पंचम दिवस पूज्य राघव ऋषि ने दिव्य रहस्य उद्घाटित करते हुए नंद महोत्सव का शुभारंभ किया. इस मौके पर बालकृष्ण भगवान का जन्मोत्सव मनाया गया. कार्यक्रम में सौरभ ऋषि ने नंद घर आनंद भयो जय कन्हैया लाल की भजन गाया तो सभी श्रोताओं को अपने स्थान में खड़े होकर आनंद में झूमते हुए नंदोत्सव मनाया. इस अवसर पर सभी को माखन प्रसाद भी दिया गया पूज्य ऋषि ने कहा कि प्रत्येक इंद्रियों से जो भक्त रस का पान करता है वो गोपी है. शरीर को मथुरा और हृदय को गोकुल यदि नंदरूपी जीव बनता है तो प्रभु की कृपा प्राप्त होती है. भगवान ने बाललीला में सबसे पहले पूतना का वध किया. सौरभ ऋषि ने “जरी की पगड़ी बांधे ” भजन से बालकृष्ण प्रभु की झांकी से सभी मंत्रमुग्ध हो गये. गोवर्धन लीला की मार्मिक व्याख्या करते हुए पूज्य ऋषि ने कहा कि गो का अर्थ है भक्ति भक्ति को बढ़ाने वाली लीला ही गोवर्धन लीला है. इस मौके पर मुख्य यजमान सागर, सहायक यजमान आलोक कुमार विक्की द्वारा कथा झांकी पोथी व व्यासपीठ पूजन संपन्न हुआ. इस मौके पर राजेश गुप्ता, कृष्णा सिंह कल्लू, राजेश लोहिया, जयंत साहू, पिंटू कुमार, सोनू केसरी, गौतम कुमार, सूरज कुमार, देवनारायण, सिद्धू गुप्ता, दिगंबर वर्मा, सहित भक्त श्रद्धालुओं ने आरती की. अमरदीप पप्पू ने बताया कि शनिवार की कथा में श्रीकृष्ण रुक्मिणी विवाह का सरस प्रसंग रहेगा. जिसमें श्रीकृष्ण बारात भी निकाली जायेगी. शाम 6:30 बजे नगर की शक्तिपीठ मां पटन देवी मंदिर में पूज्य ऋषिजी, सौरभ ऋषि सहित आचार्यों ने दर्शनलाभ प्राप्त किया.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है