संवाददाता, पटना बीआइटी पटना में मंगलवार को ‘राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस 2025’ मनाया गया. यह आयोजन विज्ञान और प्रौद्योगिकी में भारत की उपलब्धियों को सम्मान देने तथा नवाचार को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से किया गया. कार्यक्रम का आयोजन संस्थान के कॉन्फ्रेंस रूम में हाइब्रिड मोड में हुआ, जिसमें विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों, शिक्षकों, विद्यार्थियों और गणमान्य अतिथियों ने भाग लिया. कार्यक्रम में भारत की विज्ञान और प्रौद्योगिकी में उपलब्धियों को सम्मानित करने और राष्ट्रीय विकास में नवाचार के महत्व को उजागर करने के उद्देश्य से आयोजित किया गया. बीआइटी पटना के निदेशक प्रो आनंद कुमार सिन्हा ने स्वागत भाषण दिया. इसके बाद डॉ एसके सिन्हा, उपाध्यक्ष (आइआइसी) ने राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस का संक्षिप्त परिचय देते हुए भारत की तकनीकी प्रगति की महत्वपूर्ण झलक प्रस्तुत की. कार्यक्रम की संयोजक डॉ परमजीत कौर (आइआइसी) ने उद्घाटन भाषण देकर कार्यक्रम का शुभारंभ किया, जिसमें उन्होंने इस दिवस के महत्व और नवाचार को बढ़ावा देने में शैक्षणिक संस्थानों की भूमिका पर प्रकाश डाला. कार्यक्रम में ग्लोबल ओपन यूनिवर्सिटी, नागालैंड के प्रो-चांसलर प्रो एके नायक ने संबोधित किया. सत्रों के मध्य में प्रो श्रीधर कुमार ने अपने विचार साझा किये. प्रो प्रभात रंजन, डॉ कुमार रामजी प्रसाद सिंह, बिस्वम्बर पांडा ने अपने विचार व्यक्ति किया.
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