Patna Naubatpur Industrial Park: पटना जिले में औद्योगिक विकास को नई दिशा देने के लिए बिहटा के बाद अब नौबतपुर को भी एक प्रमुख औद्योगिक केंद्र के रूप में विकसित किया जा रहा है. बिहार औद्योगिक क्षेत्र विकास प्राधिकरण (BIADA) के प्रस्ताव पर जिला प्रशासन ने नौबतपुर के चार मौजों में कुल 538.15 एकड़ भूमि चिह्नित कर ली है. इस जमीन पर एक नए इंडस्ट्रियल पार्क की नींव रखी जाएगी, जिसकी रिपोर्ट बियाडा को सौंप दी गई है. बियाडा अब इस स्थल का निरीक्षण करेगा, जिसके बाद जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू होगी.
हजारों नौकरी मिलने की उम्मीद
जिला प्रशासन के अनुसार, नौबतपुर में प्रस्तावित यह इंडस्ट्रियल पार्क पटना रिंग रोड और बिहटा-आरा-सासाराम मार्ग से सीधे जुड़ा हुआ है. बेहतर कनेक्टिविटी और ढुलाई की सुविधा इसे एक आदर्श औद्योगिक क्षेत्र बनाती है. बियाडा की योजना है कि इस पार्क में 100 से अधिक छोटे-बड़े उद्योगों की स्थापना की जाए, जिससे प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से करीब एक लाख लोगों को रोजगार मिल सकेगा. इनमें से लगभग 10 हजार युवाओं को सीधी नौकरी मिलने की उम्मीद जताई गई है.
क्या बोले डीएम
पटना के डीएम चंद्रशेखर सिंह ने बताया कि नौबतपुर की प्रस्तावित जमीन का चयन उसकी भौगोलिक स्थिति और कनेक्टिविटी को देखते हुए किया गया है. यह इलाका न केवल मुख्य सड़कों से जुड़ा है बल्कि बिहटा ड्राइपोर्ट भी महज 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है जिससे माल की आवाजाही में भी सहूलियत होगी.
यह क्षेत्र पहले भी इंडस्ट्रियल कामों से जुड़ा रहा है. शराबबंदी लागू होने से पहले यहां दो निजी बियर फैक्ट्रियां थीं. इस क्षेत्र में मानव संसाधन, पानी और अन्य बुनियादी सुविधाओं की उपलब्धता अच्छी है जिससे भविष्य में यहां उद्योगों की स्थापना और संचालन आसान होगा. खाद्य प्रसंस्करण, पेय पदार्थ, वस्त्र, चमड़ा और अन्य हल्के-फुल्के उद्योगों की यहां काफी संभावना है.
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गया को मिली औद्योगिक टाउनशिप की मंजूरी
इसी कड़ी में गया जिले में भी औद्योगिक विकास की बड़ी घोषणा हुई है. पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने यहां एकीकृत औद्योगिक टाउनशिप के निर्माण को स्वीकृति दे दी है. यह टाउनशिप लगभग 1700 एकड़ क्षेत्र में फैली होगी. इसमें उद्योग, व्यापार, आवास और सार्वजनिक सुविधाओं के लिए संतुलित भूमि उपयोग किया जाएगा.
गया की यह टाउनशिप आधुनिक परिवहन नेटवर्क जैसे राष्ट्रीय राजमार्ग, रेलवे और जलमार्ग से जुड़ी होगी. प्रोजेक्ट में लगभग 16,000 करोड़ रुपए के निवेश की संभावना है और इससे करीब 1.10 लाख लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलने की उम्मीद जताई जा रही है.
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