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New year 2025: 14 बच्चे पहली बार अपने माता-पिता को बोलेंगे हैप्पी न्यू इयर

New year 2025 इस वर्ष जनवरी से दिसंबर तक 14 अनाथ बच्चों को अलग-अलग दंपतियों के सुपुर्द किया गया. उन बच्चों के लिए वर्ष 2024 भाग्यशाली साबित हुआ कि माता-पिता की गोद मिल पायी.

New year 2025 संतान होने की सारी उम्मीदें खो चुके 14 माता-पिता जब आज नववर्ष की भोर में नींद से जागेंगे, तो उन्हें तुतलाती जुबान में सुनायी देगा हैप्पी न्यू इयर पापा. हैप्पी न्यू इयर मम्मा. शुभकामना पाने का यह अवसर उन माता-पिता को ही पहली बार नहीं मिलेगा, बल्कि उनके 14 बच्चों के लिए भी बधाई देने का यह पहला मौका होगा. उन घरों का नववर्ष बाकी घरों की अपेक्षा अतिउत्साह से भर देनेवाला होगा. वह इसलिए कि भागलपुर के विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान के माध्यम से इस वर्ष जनवरी से दिसंबर तक 14 अनाथ बच्चों को अलग-अलग दंपतियों के सुपुर्द किया गया. उन बच्चों के लिए वर्ष 2024 भाग्यशाली साबित हुआ कि माता-पिता की गोद मिल पायी. यही नहीं, उन माता-पिता के लिए यह वर्ष सुखद एहसास कराया.

कई जगहों की दंपती ने ली गोद


12 जनवरी को डीएम द्वारा खड़गपुर की दंपती को एक अनाथ बच्ची गोद दी गयी. पेशे से दंपत्ति शिक्षक हैं. इन्होंने वर्ष 2019 में बच्चे प्राप्त करने के लिए रजिस्ट्रेशन कराया था. 30 जनवरी को डीएम ने बेंगलुरु की दंपती को बालिका गोद दी. यह दंपती बिजनेस हैं. 22 फरवरी दो बच्चियों को दो अलग-अलग दंपती के सुपुर्द किया गया. पांच मार्च को एक बालिका को नोएडा के एक अभिभावक के सुपुर्द किया गया. नौ अप्रैल को दो बच्चों को माता-पिता की गोद मिली. इनमें एक दंपती पश्चिम बंगाल के नॉर्थ चौबीस परगना के रहनेवाले हैं, जबकि दूसरी दंपती कटिहार के. 22 अगस्त एक बालक को माता-पिता का प्यार मिल गया. वह बेंगलुरु के हैं. इसी तरह अन्य बच्चे को भी वर्ष 2024 में माता-पिता मिले. इस वर्ष 14 बच्चों को गोद देने की जानकारी जिला बाल संरक्षण इकाई और विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान से मिली.

गोद लेने का नियम हो गया है आसान

दत्तक ग्रहण की समस्त प्रक्रिया ऑनलाइन है. कोई दत्तक ग्राही माता-पिता केंद्रीय दत्तक ग्रहण प्राधिकरण (कारा) के पोर्टल पर पंजीकरण कर गोद लेने की प्रक्रिया में सम्मिलित हो सकते हैं. इसके लिए एक फोन नंबर, पैन कार्ड व इमेल आइडी की आवश्यकता होती है. इसके बाद नजदीकी विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान द्वारा दत्तक ग्राही माता-पिता का होम स्टडी रिपोर्ट तैयार की जाती है. इस वेबसाइट के अतिरिक्त किसी व्यक्ति या अस्पताल से बच्चा गोद लेना गैरकानूनी है. गोद लेने के बारे में जानने के लिए समाहरणालय स्थित जिला बाल संरक्षण इकाई से संपर्क किया जा सकता है. जिलाधिकारी द्वारा लिये गये निर्णय के बाद गोद देने की कार्रवाई पूर्ण होती है. गोद देने के दो साल तक नजदीकी विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान द्वारा फॉलोअप किया जाता है.

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RajeshKumar Ojha
RajeshKumar Ojha
Senior Journalist with more than 20 years of experience in reporting for Print & Digital.

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