पटना सिटी. श्री गुरु गोविंद सिंह सदर अस्पताल में प्रसव के बाद जन्मे बच्चे को नजराना नहीं मिलने पर स्वास्थ्यकर्मियों ने परिजनों को नहीं सौंपा. नजराना वसूलने के बाद जब परिजनों के हवाले नवजात को किया, तो उसकी तबीयत बिगड़ गयी थी. अस्पताल के शिशु रोग चिकित्सकों ने एनएमसीएच रेफर किया. जहां ले जाने पर चिकित्सकों ने नवजात को मृत घोषित कर दिया. इसके बाद परिजनों ने इसके लिए स्वास्थ्यकर्मियों को जिम्मेवार ठहराते हुए कार्रवाई की मांग को ले अस्पताल अधीक्षक को आवेदन दिया. मालसलामी के सहादरा की रहने वाले कन्हाई कुमार की पत्नी अंशु कुमारी ने बताया कि प्रसव के लिए तड़के करीब चार बजे अस्पताल आयी थी. उस समय अस्पताल में डॉक्टर नहीं थे. कर्मी टालमटोल करती रही. इसी बीच किसी तरह दिन के लगभग आठ बजे ममता व अन्य कर्मी मिल कर प्रसव कराया गया. इसके बाद नवजात को सौंपने के एवज में नजराना की मांग होती रही. काफी देर बाद नजराना जबरन वसूलने के बाद बच्चे को दिया गया. इसी बीच नवजात काफी सीरियस हो गया. अस्पताल में ही जब शिशु रोग विभाग में दिखाया, तो चिकित्सक ने एनमसीएच रेफर किया. जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया. नवजात की मौत की जांच कराने और दोषी की कार्रवाई की मांग परिजनों ने की. मामले को अस्पताल सुधार समिति को भी सौंपा गया. इस दौरान समिति के महासचिव सह पूर्व पार्षद बलराम चौधरी, मो जावेद और देवरत्न प्रसाद अस्पताल पहुंचे और मामले में जांच की मांग रखी. अधीक्षक डॉ योगेंद्र प्रसाद मंडल ने कहा कि मरीज व उनके परिजन से मिल कर जानकारी ली है. इसके लिए जांच कमेटी बनायी जायेगी. जांच कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर दोषियों पर कार्रवाई होगी.
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