CBI Raid: भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) और सरकारी प्रोजेक्ट लेने वाली कंस्ट्रक्शन कंपनी के बीच रिश्वतखोरी के बड़े खेल का खुलासा सीबीआई की जांच में हुआ है. बिहार, झारखंड और यूपी में लगातार दो दिन छापेमारी हुई. NHAI के जीएम रामप्रीत पासवान और उन्हें रिश्वत दे रहे रामकृपाल सिंह कंस्ट्रक्शन कंपनी (RKSCPL) के जीएम समेत तीन की गिरफ्तारी हुई है. गिरफ्तार हुए जीएम के आवासों से करोड़ रुपए से अधिक कैश बरामद हुए. बिल पास कराने के बदले रिश्वतखोरी का खेल चलता था. जिसमें पटना से लेकर मुजफ्फरपुर तक के अधिकारियों की भूमिका पकड़ में आयी है.
NHAI के चीफ जीएम समेत दर्जन भर लोगों पर केस दर्ज
प्राइवेट निर्माण कंपनी के करोड़ों के बिल पास कराने के लिए रिश्वत लिया जा रहा था. सीबीआई ने बताया कि 22 मार्च को इस मामले में दर्जन भर लोगों पर केस दर्ज हुआ है. एनएचएआइ के चीफ जीएम, जीएम समेत आधा दर्जन सीनियर अफसरों का भी प्राथमिकी में नाम है. वहीं जो कंपनी (RKSCPL) रिश्वत दे रही थी, उसके दो जीएम रैंक के अधिकारी समेत चार कर्मचारियों और मुजफ्फरपुर के एक ठेकेदार का नाम भी प्राथमिकी में है.
करोड़ों के बिल पास कराने रिश्वतखोरी का चलता था खेल
इन लोगों पर आरोप है कि एनएचएआइ के अफसरों ने कंस्ट्रक्शन कंपनी RKSCPL के आरोपी प्रतिनिधियों के साथ मिलकर अवैध रिश्वत के बदले कंपनी को गैरकानूनी तरीके से लाभ दिलवा रहे थे. सीबीआई को सूचना मिली थी कि आरोपी जीएम के पटना स्थित आवास के पास घूस की रकम पहुंचाने के लिए आरोपी आने वाला था. जिसके बाद जांच एजेंसी ने जाल बिछाया और एनएचएआइ के जीएम रामप्रीत पासवान और कंपनी RKSCPL के जीएम सुरेश महापात्रा को रंगे हाथों रिश्वत की रकम लेन-देन करते हुए गिरफ्तार किया. रिश्वत की रकम पहुंचाने में मदद करने वाले RKSCPL के दो अन्य प्रतिनिधियों चेतन और बरुण को भी गिरफ्तार किया है.
NHAI के इन अफसरों पर हुआ केस दर्ज
- वाइबी सिंह, सीजीएम
- राम प्रीत पासवान, जीएम
- कुमार सौरभ, डीजीएम, पीआइयू, पूर्णिया
- ललित कुमार, प्रोजेक्ट डायरेक्टर, पीआइयू मुजफ्फरपुर
- अंशुल ठाकुर, साइट इंजीनियर, पीआइयू मुजफ्फरपुर
- हेमन मेधी, एजीएम एकाउंट्स
आरकेएससीपीएल के कर्मियों और ठेकेदार पर केस दर्ज
- बरूण कुमार, कर्मी
- सुरेश महापात्रा, जीएम
- अमर नाथ झा, जीएम
- चेतन कुमार, कर्मी आरकेएससीपीएल
- सत्य नारायण सिंह उर्फ पप्पू सिंह, ठेकेदार- मुजफ्फरपुर