27.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

डोमिसाइल नीति पर नीतीश कैबिनेट की मुहर, शिक्षक बहाली में बिहारवासियों को 84.4% आरक्षण

Bihar Teacher Vacancy: बिहार सरकार ने शिक्षक बहाली में बड़ा फैसला लेते हुए 84.4% डोमिसाइल लागू कर दिया है. अब राज्य की ज्यादातर शिक्षक नियुक्तियों में बिहार के मूल निवासियों को प्राथमिकता मिलेगी. मंगलवार को कैबिनेट बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई, जिससे राज्य के लाखों युवाओं को रोजगार में बड़ा मौका मिलने की उम्मीद जगी है.

Bihar Teacher Vacancy: चुनावी साल में नीतीश सरकार ने एक बड़ा और बहुप्रतीक्षित निर्णय लेते हुए बिहार के युवाओं को शिक्षक नियुक्ति में प्राथमिकता देने की घोषणा की है. मंगलवार को हुई राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में यह फैसला लिया गया कि अब बिहार में होने वाली शिक्षक बहाली में 84.4 प्रतिशत सीटें केवल राज्य के मूल निवासियों के लिए आरक्षित होंगी. इस फैसले को राज्य में युवा वर्ग की बड़ी जीत और बिहार फर्स्ट की दिशा में एक निर्णायक कदम माना जा रहा है.

डॉ. एस. सिद्धार्थ ने क्या बताया?

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में “बिहार राज्य विद्यालय अध्यापक नियुक्ति, स्थानांतरण, अनुशासनात्मक कार्रवाई एवं सेवा शर्त संशोधन नियमावली 2025” को मंजूरी दी गई. इसी के तहत यह डोमिसाइल नीति लागू की गई है. मंत्रिमंडल के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ ने बताया कि शिक्षक बहाली में पहले से लागू 60% आरक्षण (जातीय + आर्थिक आधार पर) के अलावा अब अनारक्षित सीटों के एक बड़े हिस्से में भी स्थानीय छात्रों को वरीयता दी जाएगी.

क्या है नया फॉर्मूला?

अब तक की व्यवस्था में 40% सीटें अनारक्षित मानी जाती थीं, जिन पर कोई भी अभ्यर्थी आवेदन कर सकता था. लेकिन नए नियमों के अनुसार:

  • इन 40% अनारक्षित सीटों में से 35% पहले ही बिहार मूल की महिलाओं के लिए आरक्षित थीं.
  • शेष 65% सीटों में से 40% अब उन अभ्यर्थियों को दी जाएंगी, जिन्होंने मैट्रिक और इंटर की परीक्षा बिहार के किसी भी बोर्ड से पास की हो.
  • इस तरह से, सिर्फ 15% अनारक्षित सीटें ही अब शेष बची हैं, जिन पर बिहार और बिहार के बाहर के सामान्य वर्ग के पुरुष और महिलाएं आवेदन कर सकते हैं. यानी प्रभावी तौर पर 84.4% सीटें बिहार मूल के अभ्यर्थियों के लिए आरक्षित हो गई हैं.

क्या है सरकार की मंशा?

सरकार का कहना है कि इस फैसले से राज्य के युवाओं को अपने ही प्रदेश में रोजगार के बेहतर अवसर मिलेंगे. अब तक यह देखा गया था कि दूसरे राज्यों से आवेदन करने वाले उम्मीदवारों की संख्या अधिक होती थी, जिससे बिहार के छात्र पिछड़ जाते थे. नई नीति से स्थानीय प्रतिभाओं को मौका मिलेगा, और शिक्षकों की बहाली में क्षेत्रीय संतुलन भी बना रहेगा.

राजनीतिक और सामाजिक असर

इस निर्णय को लोकसभा चुनाव 2024 के पहले राज्य सरकार की ओर से एक बड़ा सियासी दांव भी माना जा रहा है. नीतीश सरकार लंबे समय से “बिहार के लिए बिहारियों का हक” जैसे नारे को लेकर संवेदनशील मानी जाती रही है. अब शिक्षक बहाली में यह फैसला एक स्पष्ट संकेत है कि सरकार बिहारियों के हितों को लेकर गंभीर है.

Also Read: तीन बार काटा गया, फिर भी जीवित है बोधिवृक्ष… जहां भगवान बुद्ध को मिला था ज्ञान, पढ़िए इसकी अद्भुत कहानी

Abhinandan Pandey
Abhinandan Pandey
भोपाल से शुरू हुई पत्रकारिता की यात्रा ने बंसल न्यूज (MP/CG) और दैनिक जागरण जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में अनुभव लेते हुए अब प्रभात खबर डिजिटल तक का मुकाम तय किया है. वर्तमान में पटना में कार्यरत हूं और बिहार की सामाजिक-राजनीतिक नब्ज को करीब से समझने का प्रयास कर रहा हूं. गौतम बुद्ध, चाणक्य और आर्यभट की धरती से होने का गर्व है. देश-विदेश की घटनाओं, बिहार की राजनीति, और किस्से-कहानियों में विशेष रुचि रखता हूं. डिजिटल मीडिया के नए ट्रेंड्स, टूल्स और नैरेटिव स्टाइल्स के साथ प्रयोग करना पसंद है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel