संवाददाता, पटना पटना के अभिलेख भवन में शनिवार को आयोजित भारतीय युवा कांग्रेस की लीगल सेल की ओर से ‘राष्ट्रीय लीगल कॉन्क्लेव’ को एक वैचारिक आंदोलन का प्रतीक बनाने पर जोर दिया गया. अधिवक्ताओं, छात्रों और कांग्रेस नेताओं ने संविधान की रक्षा को लेकर निर्णायक भूमिका निभाने का संकल्प लिया. इसमें शामिल नेताओं ने कहा कि अब चुप रहना अपराध होगा. मुख्य वक्ता सलमान खुर्शीद ने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि संविधान हमारी आजादी की आत्मा है. जब सत्ता इसे मोड़ने की कोशिश करे तो वकीलों को सबसे पहले खड़ा होना चाहिए. कार्यक्रम में आइवाइसी प्रमुख उदय भानु चिभ ने साफ कहा कि जब संविधान पर हमला हो रहा हो तब चुप रहना सबसे बड़ा अपराध है. वहीं, प्रभारी कृष्णा अल्लावरू ने इसे वैचारिक आंदोलन की शुरुआत बताया. लीगल सेल के चेयरमैन रूपेश सिंह भदौरिया ने बताया कि यह इकाई अब सिर्फ कानूनी मदद नहीं, बल्कि संगठित संघर्ष का मंच बन चुकी है. एआइसीसी की सुप्रिया श्रीनेत ने चुनाव आयोग की अधिसूचना को लोकतंत्र पर हमला बताया और सोशल मीडिया पर न्याय की लड़ाई तेज करने का आह्वान किया. महिला कांग्रेस अध्यक्ष अलका लांबा ने महिला गरिमा पर हो रहे हमलों के खिलाफ लीगल सेल की सक्रियता को रेखांकित करते हुए कहा कि हम सिर्फ नारे नहीं, न्याय करते हैं. कार्यक्रम के अंत में ज्वाइन द फाइट फॉर जस्टिस अभियान की शुरुआत हुई.
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