संवाददाता, पटना क्लैट परीक्षा को लेकर उठे विवाद ने अब सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को उस याचिका पर सुनवाई के लिए सहमति जतायी है, जिसमें दिल्ली हाइकोर्ट के उस फैसले को चुनौती दी गयी है. जिसमें कंसोर्टियम ऑफ नेशनल लॉ यूनिवर्सिटीज को चार हफ्तों के भीतर मार्कशीट संशोधित कर चयनित उम्मीदवारों की फाइनल लिस्ट पुनः प्रकाशित करने का निर्देश दिया गया था. न्यायमूर्ति बीआर गवई और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने कंसोर्टियम सहित अन्य पक्षों को नोटिस जारी कर एक सप्ताह में जवाब मांगा है. कोर्ट ने कहा कि मामले की अगली सुनवाई एक सप्ताह बाद होगी. लॉ प्रेप ट्यूटोरियल पटना के निदेशक अभिषेक गुंजन ने कहा कि क्लैट यूजी 2025 परीक्षा एक दिसंबर 2024 को आयोजित की गयी थी. इसके परिणाम सात दिसंबर को घोषित किये गये थे. इसके बाद कई सवालों के उत्तर गलत थे. सुप्रीम कोर्ट ने छह फरवरी को सभी याचिकाएं दिल्ली हाइकोर्ट में स्थानांतरित कर दी थीं, ताकि एकसमान निर्णय लिया जा सके. इसके बाद दिल्ली हाइकोर्ट की डिवीजन बेंच ने 23 अप्रैल को सुनवाई करते हुए कुछ आपत्तियों को स्वीकार किया और कुछ को खारिज कर दिया. कोर्ट ने स्पष्ट निर्देश दिया कि कंसोर्टियम सभी उम्मीदवारों के अंकों की पुन: जांच कर नयी चयन सूची चार हफ्तों में प्रकाशित करे. यह भी कहा गया कि जिन प्रश्नों पर कोर्ट विचार कर रहा है, उनका लाभ उन सभी छात्रों को मिले जिन्होंने उन्हें हल किया था. हालांकि क्लैट पीजी 2025 से संबंधित याचिकाएं अब भी हाइकोर्ट में लंबित हैं.
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