संवाददाता, पटना : शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ ने सोमवार को सभी जिला शिक्षा अधिकारी और जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (एसएसए) को पत्र लिख कर कहा है कि कक्षा 6 से 12 तक के प्रत्येक स्कूल की समय-सारणी में प्रत्येक सप्ताह एक घंटी बच्चों के स्वास्थ्य संबंधी शिक्षा पर होनी चाहिए. यह व्यवस्था अनिवार्य होगी. इस घंटी को एसएचडब्ल्यूपी (स्कूल हेल्थ एंड वेलनेस प्रोग्राम) नाम दिया गया है. इस घंटी के लिए कैलेंडर जारी किया है. अपर मुख्य सचिव डॉ सिद्धार्थ ने अधीनस्थ पदाधिकारियों से कहा है कि बच्चों के स्वास्थ्य की बेहतरी की जानकारी देने वाले इस कवायद को नियमित पाठ्यक्रम के रूप में शामिल करते हुए साप्ताहिक सत्रों का संचालन करें. कार्यक्रम से 38 हजार स्कूलों के 45 लाख बच्चों को इसका लाभ होगा.
हर स्कूल में दो शिक्षक आरोग्य दूत के रूप में ट्रेंड
कार्यक्रम को प्रभावी करने के लिए प्रत्येक विद्यालय में दो शिक्षकों को स्वास्थ्य एवं आरोग्य दूत के रूप में प्रशिक्षित किया गया है. डॉ सिद्धार्थ ने व्यवस्था दी है कि छह से 12 वीं तक के विद्यालयों में मंगलवार / बुधवार को प्रत्येक कक्षा में स्वास्थ्य का यह कार्यक्रम चलना चाहिए. स्वास्थ्य एवं आरोग्य दूत अपने विद्यालय का मासिक प्रतिवदेन सीएएचपी (कम्प्रहेंसिव एडोलिसेंट हेल्थ प्रोग्राम ) मोबाइल एप्लीकेशन के माध्यम से जमा करेंगे. प्रधानाध्यापकों को भी इसकी रिपोर्ट देनी होगी. उन्होंने जिला शिक्षा पदाधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि त्रैमासिक किशोर स्वास्थ्य एवं आरोग्य दिवस का आयोजन किया जाये. इस कार्यक्रम का उद्देश्य कक्षा 6 से 12 तक के विद्यालयों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के जीवन कौशल, शारीरिक, मानसिक और संपूर्ण स्वास्थ्य को बढ़ावा देना है. साथ ही उनका सर्वांगीण विकास को सुनिश्चित करना है.
32 जिलों में एसएचडब्ल्यूपी संचालित
राज्य में 32 जिलों में कक्षा 6 से 12 तक के स्कूलों में आयुष्मान भारत के अंतर्गत स्वास्थ्य एवं आरोग्य कार्यक्रम (एसएचडब्ल्यूपी) मार्च 2020 से संचालित किए जा रहे हैं. 2025-26 सत्र से शेष 6 जिले समस्तीपुर, सुपौल, सीवान, मुंगेर, मधुबनी और गोपालगंज में यह कार्यक्रम बढ़ाया जा रहा है.जब सास ने कराया बहू का नामांकन
सुपौल के छतापुर खतबे टोला स्थित उत्क्रमित उच्च माध्यमिक विद्यालय में आज पढ़ाई को प्रेरित करने वाली बात सामने आयी. मामला यह था जब एक सास अपनी नवविवाहित बहु का नामांकन करवाने विद्यालय पहुंच गयी. एक महिला शिक्षक ने उत्साहित होकर उसकी सास का वीडियो बनाया. फिर नामांकन कराया. इसका वीडियो वायरल हुआ है.जिसे शिक्षा विभाग ने अपने ग्रुप्स पर साझा किया है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है