संवाददाता, पटना 17वीं बिहार विधानसभा के संभावित अंतिम सत्र का समापन हंगामे के साथ हुआ.माॅनसून सत्र के आखिरी दिन शुक्रवार को सभा की दूसरी पाली में भी विपक्ष के सदस्यों ने वेल आकर मतदाता विशेष गहन पुनरीक्षण को लेकर हंगामा किया और सरकार विरोधी नारे लगाये.विपक्ष के विधायकों ने रिपोर्टर की कुर्सियां पलटीं और टेबल पलटने की कोशिश की.हंगामे के बीच विधायी कार्य भी होते रहे.प्रभारी मंत्री विजय चौधरी ने वैट अधिनियम से संबंधित अधिसूचना और स्वास्थ्य विभाग के नैदानिक स्थापना संशोधन नियमावली,ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने बिहार विद्युत विनियामक आयोग की वार्षिक लेखा-विवरणी और अंकेक्षण प्रतिवेदन सदन में रखे.विधानसभा अध्यक्ष नंद किशोर यादव ने बार-बार शांति बनाए रखने की अपील की, लेकिन नारेबाजी और हंगामा जारी रहा, जिसके कारण उन्हें कार्यवाही 2.30 बजे तक के लिए स्थगित करनी पड़ी. इस सत्र में वित्तीय वर्ष 2025-26 के प्रथम अनुपूरक पारित हुआ और कुल 13 राजकीय विधेयकों को स्वीकृति मिली. अंतिम सत्र के समापन पर अध्यक्ष नंदकिशोर यादव भावुक हो गए.उन्होंने शेरों-शायरी के माध्यम से अपने मनोभाव व्यक्त करते हुए कहा ‘नाराज़गी कभी इतनी लंबी नहीं होनी चाहिए, कि नाराजगी रह जाए और इंसान गुज़र जाए’.एक और शेर पढ़ते हुए उन्होंने कहा-‘हंसते रहोगे तो दुनिया साथ है, वरना आंसुओं को तो आंखों में भी जगह नहीं मिलती’.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है