22.6 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

बिहार में लेडी डॉक्टर की मौत के 14 साल बाद हाईकोर्ट का फैसला- 93 लाख मुआवजा दे बीमा कंपनी

बिहार में एक महिला डॉक्टर की मौत 14 साल पहले सड़क हादसे में हो गयी थी. पटना हाईकोर्ट ने इस मामले में बीमा कंपनी को निर्देश दिया है. बीमा कंपनी अब मृतका के परिवार को 93 लाख रुपए मुआवजा के तौर पर देगी.

वर्ष 2011 में बस और कार की टक्कर में एक डॉक्टर की मौत हो गयी थी. बिहार के भागलपुर से बांका के अमरपुर जाते समय डॉक्टर प्रीति सिंघानिया की सड़क हादसे में जान चली गयी थी. मृतका के परिवार को पटना हाईकोर्ट ने अब बड़ी राहत दी है. कोर्ट ने बीमा कंपनी को निर्देश दिया कि वह वाहन दुर्घटना में जान गंवाने वाली डॉक्टर प्रीति के परिजनों को 93 लाख रुपए का भुगतान मुआवजा के तौर पर कर दे.

पटना हाईकोर्ट का फैसला

पटना हाईकोर्ट के जज रमेश चंद मालवीय की एकलपीठ ने डॉक्टर प्रीति सिंघानिया की सड़क हादसे में हुई मौत के बाद उनके पति और दो नाबालिग बेटियों को मुआवजा देने के संबंध में निची अदालत के फैसले को आंशिक रूप से संशोधित किया और मुआवजा राशि को 95,52,620 से घटाकर 93,14,550 रुपए कर दिया. डॉ. प्रीति के पति डॉ. अमर कुमार और दो बेटियों ने मोटर वाहन दावा न्यायाधिकरण में मुआवजा के लिए याचिका दायर की थी.

ALSO READ: बिहार के नालंदा में प्रचंड आंधी-तूफान में 22 मौत की कहानी, मंदिर में कैसे बिछी आधा दर्जन लाश?

सड़क हादसे में गयी थी डॉक्टर की जान

दरअसल, 19 मई 2011 को भागलपुर से अमरपुर आने के दौरान बस और कार की टक्कर में डॉक्टर प्रीति की मौत हुई थी. उनके ड्राइवर की भी मौत हो गयी थी. डॉ. प्रीति सरकारी अस्पताल में डॉक्टर थीं. कोर्ट ने यह माना कि मृतका की वार्षिक आय सरकारी वेतन और निजी प्रैक्टिस से 9,31,454 रुपए थी. उम्र 39 होने के कारण 15 का गुणक लागू करते हुए कुल क्षतिपूर्ति 93,14,550 रुपए तय की गयी.

बीमा कंपनी की दलील और कोर्ट का निर्देश

बीमा कंपनी ने कोर्ट को बताया कि मृतका के पति खुद डॉक्टर हैं इसलिए वे आश्रित नहीं माने जा सकते हैं. इसपर कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के कई फैसलों का हवाला दिया और स्पष्ट किया कि कानूनी प्रतिनिधि के तौर पर पति भी मुआवजा पाने के हकदार हैं. भले ही वे आर्थिक रूप से स्वतंत्र हों. कोर्ट ने यह भी कहा कि निजी प्रैक्टिस से हुई आय को आयकर रिटर्न के आधार पर प्रमाणित किया गया है. जिसे नकारा नहीं जा सकता है. कोर्ट ने दो महीने के अंदर पीड़ित परिवार को भुगतान करने का निर्देश बीमा कंपनी को दिया है.

ThakurShaktilochan Sandilya
ThakurShaktilochan Sandilya
डिजिटल मीडिया का पत्रकार. प्रभात खबर डिजिटल की टीम में बिहार से जुड़ी खबरों पर काम करता हूं. प्रभात खबर में सफर की शुरुआत 2020 में हुई. कंटेंट राइटिंग और रिपोर्टिंग दोनों क्षेत्र में अपनी सेवा देता हूं.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel