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पटना के मरीन ड्राइव पर कुकिंग से खुद को ब्रांड बना रही महिलाएं, ‘स्वाद’ से लिख रहीं आत्मनिर्भरता की कहानी

Patna News: पटना के मरीन ड्राइव पर कुकिंग से खुद को महिलाएं आत्मनिर्भर बना रही है. पटना के मरीन ड्राइव पर इन महिलाओं ने किचन की सीमाओं को तोड़कर खुद का व्यवसाय खड़ा किया है.

Patna News: पटना के मरीन ड्राइव पर शाम ढलते ही एक अनोखी तस्वीर उभरती है- रंग-बिरंगे फूड ट्रक, स्टॉल और उनमें मौजूद वे महिलाएं, जो अब ‘रसोई की देवी’ के पारंपरिक स्वरूप से आगे बढ़कर सफल उद्यमी बन चुकी हैं. इन महिलाओं ने किचन की सीमाओं को तोड़कर खुद का व्यवसाय खड़ा किया है. वे अब न केवल परिवार का सहारा बनी हैं, बल्कि सैकड़ों अन्य महिलाओं के लिए प्रेरणा भी हैं. यह कहानी है, उन महिलाओं की जिन्होंने समाज की पुरानी सोच को चुनौती दी और अपने छोटे-छोटे स्टॉल्स और फूड ट्रकों से साबित कर दिया कि ‘जहां चाह वहां राह’, सिर्फ एक कहावत नहीं, बल्कि हकीकत है.

महिलाएं बोलीं- मुमकिन है, रसोई से शुरू होकर कारोबार तक का सफर…

  1. टरकीश आइसक्रीम आर्ट से पहचान बना रहीं राधा – ‘ट्रीट टरकीश पटना’

पटना के दीघा की रहने वाली राधा ने अपने आत्मविश्वास और लगन से वो कर दिखाया है, जो शायद उन्होंने खुद भी कभी नहीं सोचा था. आज वह मरीन ड्राइव पर ‘ट्रीट टरकीश पटना’ नाम से आइसक्रीम स्टॉल चला रही हैं, जहां विदेशी स्टाइल की टरकीश आइसक्रीम सर्व की जाती है. शुरुआत में वह सिर्फ मदद करने के लिए स्टॉल पर आयी थीं, लेकिन महज एक हफ्ते में उन्होंने आइसक्रीम सर्व करने की कला और उसका इंटरैक्टिव खेल भी सीख लिया. उनके स्टॉल पर सात फ्लेवर की आइसक्रीम मिलती है और वीकेंड पर यहां लोगों की भीड़ उमड़ती है. राधा बताती हैं कि इस काम में उनके परिवार ने उनका पूरा साथ दिया. वे चाहती हैं कि प्रशासन महिलाओं की सुरक्षा पर भी अधिक ध्यान दे, ताकि और यहां महिलाएं बेझिझक आत्मनिर्भरता की राह पर कदम रख सकें.

  1. मैरी ने छोटे सपने से की शुरुआत, आज बनीं ब्रांड – ‘मेरी मोमो’

पटना की मैरी सिंह ‘मेरी मोमो’ नाम से मरीन ड्राइव पर पिछले तीन वर्षों से स्टॉल लगाकर कारोबार कर रही हैं. वे कहती हैं, मेरे बिजनेस की शुरुआत एक छोटे से सपने से हुई थी, पर आज वह एक फूड ब्रांड बन चुकी हैं. शादी के बाद मैरी दिल्ली में पति के साथ काम करती थीं, लेकिन 2010 में पटना लौटने के बाद कुछ समय तक घरेलू जिम्मेदारियों में लगी रहीं. मरीन ड्राइव के विकसित होने पर उन्होंने वहां स्टॉल लगाने की ठानी. बेटे और पति के सहयोग से उन्होंने कार से स्टॉल शुरू किया. बाद में एक कस्टमाइज वैन ली और अब वे नियमित रूप से वहां स्टॉल लगाती हैं. उनके यहां वेज, नॉनवेज और फ्राइड मोमो से लेकर बर्गर की कई वैरायटी मिलती हैं, जिनकी कीमत 70 से 180 रुपये तक है. मैरी का मानना है कि आत्मनिर्भर बनने के लिए सिर्फ हुनर नहीं, थोड़ा हौसला और परिवार का साथ भी जरूरी है.

  1. चिकन लिट्टी बिजनेस ने बदली अंजलि की जिंदगी – ‘हिचकी चिकन लिट्टी’

दीघा की अंजलि कुमारी ने अपने पाक कौशल को रोजगार का साधन बना कर एक मिसाल पेश की है. उनका ‘हिचकी चिकन लिट्टी’ स्टॉल मरीन ड्राइव पर तीन सालों से चर्चित है. रोज सुबह वह अपने पति और परिवार के साथ मिलकर चिकन लिट्टी तैयार करती हैं, और शाम 5 बजे स्टॉल लगाती हैं. प्रतिदिन करीब 150 प्लेट लिट्टी बिकती है, जो 35 से 399 रुपये की रेंज में मिलती है. अंजलि बताती हैं कि एक वीडियो देखकर उन्होंने मरीन ड्राइव का माहौल देखा, और वहां स्टॉल लगाने का निर्णय लिया. शुरू में उन्होंने ग्राहकों के टेस्ट को समझने में समय लगाया, लेकिन धीरे-धीरे उनका खाना लोगों की पहली पसंद बन गया. वह साफ-सफाई और हाइजीन का खास ख्याल रखती हैं. अंजलि मानती हैं कि अगर मेहनत और स्वाद में सच्चाई हो, तो कोई भी महिला अपने सपनों को हकीकत में बदल सकती है.

  1. सोनी ने पति से सीखा कबाब बनाना, अब चला रही स्टॉल – ‘चंपारण चिकन सीख कबाब’

कुर्जी की रहने वाली सोनी कुमारी आज मरीन ड्राइव पर ‘चंपारण चिकन सीख कबाब’ नाम से स्टॉल चला रही हैं, लेकिन उनकी यात्रा की शुरुआत घर से हुई थी. उनके पति पहले से सीख कबाब का स्टॉल चलाते थे, जिन्हें देखकर उन्होंने भी इसमें अपनी दिलचस्पी दिखायी. पति ने उन्हें कबाब बनाना सिखाया और फिर साल 2021 में उन्होंने मरीन ड्राइव पर खुद का स्टॉल शुरू किया. आज उनके स्टॉल पर चिकन सीख कबाब, लेग कबाब और कलेजी कबाब जैसे व्यंजन मिलते हैं, जिनकी कीमत 70 से 100 रुपये तक होती है. वे सुबह 10 बजे से सामग्री की तैयारी शुरू कर देती हैं और शाम 5 बजे से रात 11 बजे तक स्टॉल लगाती हैं. उनका मानना है कि ग्राहकों की तारीफ ही उनकी सबसे बड़ी कमाई है. वे कहती हैं कि अगर पति का साथ न मिला होता, तो यह सफर इतना आसान नहीं होता.

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Radheshyam Kushwaha
Radheshyam Kushwaha
पत्रकारिता की क्षेत्र में 12 साल का अनुभव है. इस सफर की शुरुआत राज एक्सप्रेस न्यूज पेपर भोपाल से की. यहां से आगे बढ़ते हुए समय जगत, राजस्थान पत्रिका, हिंदुस्तान न्यूज पेपर के बाद वर्तमान में प्रभात खबर के डिजिटल विभाग में बिहार डेस्क पर कार्यरत है. लगातार कुछ अलग और बेहतर करने के साथ हर दिन कुछ न कुछ सीखने की कोशिश करते है. धर्म, राजनीति, अपराध और पॉजिटिव खबरों को पढ़ते लिखते रहते है.

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