इंट्रो फुटपाथ पर अतिक्रमण से पैदल चलने वालों को सड़क नहीं मिल पा रही. इसके चलते पैदल चलने वाले 14 प्रतिशत लोग ऑटो, कार बाइक से दुर्घटना के शिकार हो रहे हैं. पूरे बिहार में यही स्थिति है. संवाददाता, पटना राज्य भर में सड़कों पर पैदल चलने वाले14 प्रतिशत लोग किसी ना किसी तरह गाड़ी की चपेट में आकर चोटिल हो रहें है. वहीं, इन 14 प्रतिशत में लगभग तीन प्रतिशत लोग ऐसे भी है. जिनकी मौत ऑन स्पाट या इलाज के दौरान हो रही है. परिवहन विभाग की समीक्षा में पाया गया है कि यह दुर्घटनाएं फुटपाथ पर अतिक्रमण के कारण से हो रही है. पै फुटपाथ पर अतिक्रमण और यातायात नियमों का पालन नहीं होना राज्य भर के शहरी और ग्रामीण इलाकों में लगभग फुटपाथों पर अतिक्रण है. छोटे-छोटे फेरी वाले, चलंत दुकान के चलाने वाले दुकानदार अतिक्रमण कर लेते है. इस कारण लोगों को पैदल चलने में दिक्कत होती है. वहीं, यातायात नियमों के लोगों में जागरूकता की कमी है. जेब्ररा क्रासिंग सहित साइनेज नहीं रहने से लोगों को कब कहां से मुड़ कर आगे बढ़ना है. इसकी जानकारी नहीं रहती है और गाड़ियां कहीं से भी अचानक आकर पैदल चलने वाले लोगों टक्कर मारकर घायल कर देते है. पैदल चलने वाले 3591 लोग दुर्घटना के शिकार हुए और 2990 लोगों की मौत हो गई रिपोर्ट के मुताबिक पिछले वर्ष पैदल चलने वाले 3591 लोग दुर्घटना के शिकार हुए. उनमें से 2990 लोगों की मौत हो गयी है. वहीं, दूसरे पायदान पर दोपहिया चालक हैं. दोपहिया चालकों में 4123 सड़क दुर्घटनाएं हुई. इसमें से 3657 लोगों की मौत हो गयी, जबकि साइकिल सवार में 930 लोग दुर्घटना के शिकार हुए. इसमें से 501 लोगों की मौत हो गई. बाइक, ऑटो, टोटो और कार से अधिक लोग हो रहे हैं घायल परिवहन विभाग के मुताबिक बाइक, ऑटो, टोटो और कार से अधिक लोग दुर्घटना के शिकार हो रहे है. आंकड़ों के मुताबिक ऑटो रिक्शा चालकों में 510 सड़क दुर्घटनाएं हुई और 476 लोगों की मौत हुई है. ट्रक चालकों में 348 सड़क दुर्घटनाएं हुई. जिसमें 125 लोगों की मौत हो गयी. 135 बस दुर्घटनाएं हुई, जिसमें 71 और ई-रिक्शा सहित अन्य से 145 सड़क दुर्घटनाएं हुई, जिसमें 97 लोगों की मौत हो गयी है. अन्य प्रकार के वाहनों से 679 सड़क दुर्घटनाएं हुई जिसमें से 509 लोगों की मौत हो गयी है.
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