24.9 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

प्राकृतिक खेती से लोगों को मिलेगा रसायन मुक्त भोजन

बिहार की थाली में रसायन से मुक्त भोजन परोसे जायेंगे. इसकी तैयारी कृषि विभाग की ओर से की जा रही है. राज्य में नेशनल मिशन ऑन नेचुरल फार्मिंग योजना शुरू की जा रही है.

रासायनिक उर्वरक और खाद के प्रयोग के बिना 20 हजार हेक्टेयर में होगी नेचुरल खेती होगी मनोज कुमार, पटना बिहार की थाली में रसायन से मुक्त भोजन परोसे जायेंगे. इसकी तैयारी कृषि विभाग की ओर से की जा रही है. राज्य में नेशनल मिशन ऑन नेचुरल फार्मिंग योजना शुरू की जा रही है. इस योजना के तहत प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग कर खेती की जायेगी. 20 हजार हेक्टेयर में नेचुरल खेती करने का लक्ष्य रखा गया है. इसमें रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों का उपयोग नहीं किया जायेगा. इससे बिहार के लोगों को पोषणयुक्त अन्न मिलेगा. मिट्टी की गुणवत्ता भी सुधरेगी. राज्य के सभी 38 जिलों में इस योजना का क्रियान्वयन किया जायेगा. इसकी खेती में राज्यभर से 50 हजार किसानों को लगाया जायेगा. इन किसानों को कई स्तरों पर प्रोत्सान राशि मिलेगी. केंद्र प्रायोजित इस योजना पर 36 करोड़ 35 लाख 26 हजार चार सौ रुपये खर्च किये जायेंगे. जहां पहले से प्राकृतिक खेती हो रही है, उस जगह ये योजना प्राथमिकता के आधार पर शुरू की जायेगी. कलस्टर में खेती करायी जायेगी. कलस्टर चयन में बहुफसलीय उत्पादन करने वाले क्षेत्र को प्राथमिकता दी जायेगी. राष्ट्रीय खाद्य तेल-तिलहन मिशन, रेनफेड एरिया डेवलपमेंट, कृषि वानिकी, राष्ट्रीय बांस मिशन और उद्यान योजना के साथ समन्वय से इस योजना का क्रियान्वयन किया जायेगा. राज्यभर में 400 कलस्टर बनाये गये हैं. इसमें राज्यभर 800 कृषि सखियां सहयोग करेंगी. किसानों को प्रति एकड़ चार हजार रुपये मिलेगा प्रोत्साहन प्राकृतिक खेती करने के लिए प्रशिक्षित किसानों को अधिकतम एक एकड़ के लिए चार हजार रुपये प्रोत्साहन राशि मिलेगी. नेचुरल फार्मिंग सर्टिफिकेशन 21 सौ रुपये प्रति हेक्टेयर मिलेंगे. इसके लिए ओरियेंटेशन कार्यक्रम भी होगा. किसानों को किट मिलेगा. वहीं, कृषि सखियों को चार हजार रुपये मोबाइल के लिए मिलेंगे. बेगूसराय, मधुबनी, गया, नालंदा में सबसे अधिक एरिया में प्राकृतिक खेती : बेगूसराय, गया, मधुबनी, नालंदा, पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, रोहतास, समस्तीपुर, सारण में सबसे अधिक एरिया में प्राकृतिक खेती होगी. इन सभी जिलों में 750 हेक्टेयर में प्राकृतिक खेती होगी. पटना, पूर्णिया, सीतामढ़ी और सीवान में छह-छह सौ हेक्टेयर में प्राकृतिक खेती होगी. जबकि भोजपुर, भागलपुर, दरभंगा, गोपालगंज, कैमूर, कटिहार, मधेपुरा, नवादा, सुपौल और वैशाली में पांच-पांच सौ हेक्टेयर में प्राकृतिक करायी जायेगी.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel