विश्व बाल श्रम निषेध दिवस पर बाल श्रम मुक्त बिहार का संकल्प
संवाददाता, पटना
बिहार में बाल मजदूरी पर अंकुश लगाने के लिए श्रम संसाधन विभाग के अधिकारी लगातार काम कर रहे हैं, लेकिन अब भी होटल, ढाबा और घरों में बच्चों से काम कराया जा रहा है. इसे रोकने के लिये आमलोगों की भागीदारी बहुत जरूरी है . विश्व बाल श्रम निषेध दिवस पर गुरुवार को दशरथ मांझी संस्थान में आयोजित कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए बिहार राज्य बाल श्रमिक आयोग के अध्यक्ष अशोक कुमार और उपाध्यक्ष अरविंद कुमार सिंह ने कहा कि बाल श्रम न केवल बच्चों की शिक्षा एवं स्वास्थ्य पर खराब असर डालता है, बल्कि उनके मानसिक व शारीरिक विकास को भी बाधित करता है. विभाग के सचिव दीपक आनंद ने सभी लोगों को शपथ दिलाते हुए कहा कि अब जरूरी है कि हम सबों को ऐसे सभी प्रोडेक्ट का बहिष्कार करना चाहिए, जो बच्चों के माध्यम से बनाया गया है. मौके पर आयोग के सदस्य शौकत अली सहित अन्य पदाधिकारी मौजूद थे.
इन्हें मिला पुरस्कार : श्रम अधीक्षक दरभंगा, लखीसराय व मधुबनी को उनके उत्कृष्ट कार्यों को प्रोत्साहित करते हुए सम्मानित किया गया, जबकि श्रम प्रवर्त्तन पदाधिकारी बड़हिया, लखीसराय, रामगढ़ चौक, लखीसराय, सिंघवारा, दरभंगा, सूर्यगढ़ा, लखीसराय, जयनगर व मधुबनी के कार्यों की सराहना हुई. उन्हें सम्मानित किया गया.
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