संवाददाता, पटना जिला उपभोक्ता आयोग ने एयर इंडिया को एक पुराने मामले में दोषी ठहराया है. यह मामला साल 2015 से चल रहा था. बुद्ध मार्ग निवासी अमलेंदु नाथ मिश्रा ने आयोग में शिकायत दर्ज करायी थी. दरअसल, वह चंडीगढ़ से पटना लौट रहे थे. उन्हें दिल्ली में एयर इंडिया की कनेक्टिंग फ्लाइट पकड़नी थी. लेकिन, एयरलाइन की लापरवाही से वह अपनी फ्लाइट में नहीं चढ़ पाये. उन्हें वैध बोर्डिंग पास और सीट नंबर 13सी दिया गया था. इसके बावजूद विमान में चढ़ने से रोक दिया गया. वजह बतायी गयी कि फ्लाइट ओवरबुक थी. इसके बाद उन्हें दिल्ली से पटना के लिए अगले दिन बोर्डिंग पास जारी किया. आयोग में एयरलाइंस ने अपने पक्ष में कहा कि शिकायतकर्ता को दिल्ली में ट्रांजिट हॉल्ट के दौरान सेंटॉर होटल में एयरलाइन के खर्च पर होटल में रातभर ठहरने की सुविधा दी गयी. लेकिन, आयोग ने माना कि यह पर्याप्त नहीं था. डीजीसीए के नियम के अनुसार एयरलाइन को यात्री को मुआवजा देना चाहिए था, क्योंकि वैकल्पिक फ्लाइट 24 घंटे के भीतर नहीं थी. दोनों पक्षों को सुनने के बाद आयोग के अध्यक्ष प्रेम रंजन मिश्र व सदस्य रजनीश कुमार ने आदेश दिया कि एयर इंडिया को मूल किराये के 200 फीसदी अधिकतम 10 हजार रुपये तक शिकायत के दाखिल होने की तिथि से इसकी वसूली तक सालाना 12 फीसदी की दर से साधारण ब्याज के साथ मुआवजा देना होगा.
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