कैलाशपति मिश्र,पटना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक बार फिर 18 जुलाई को बिहार के दौरे पर आने वाले हैं.इस बार उनकी जनसभा मोतिहारी में होगी.जिसे आगामी विधानसभा चुनाव की दृष्टि से बेहद अहम माना जा रहा है.एनडीए ने इस सभा को सफल बनाने के लिए अपने सभी प्रमुख नेताओं और कार्यकर्ताओं को लगा दिया है.प्रधानमंत्री की इस सभा में पूर्वी और पश्चिम चंपारण, शिवहर और मुजफ्फरपुर की कुल 24 विधानसभा सीटों के मतदाताओं को साधने की रणनीति है.वर्ष 2020 के चुनाव में इन 24 में से 19 सीटों पर एनडीए का कब्जा था, जबकि पांच सीटें महागठबंधन ने जीती थीं. चंपारण में एनडीए का दबदबा: पूर्वी चंपारण और पश्चिम चंपारण को एनडीए का मजबूत गढ़ माना जाता है. वर्ष 2020 में पूर्वी चंपारण की 12 में से नौ और पश्चिम चंपारण की नौ में से आठ सीटों पर एनडीए ने जीत दर्ज की थी.भाजपा अकेले 15 सीटों पर काबिज है.वहीं, शिवहर की एकमात्र सीट पर वर्ष 2020 में राजद ने जीत पायी थी, लेकिन विधायक चेतन आनंद बाद में जदयू में शामिल हो गये, जबकि 24 सीटों में पांच सीटों पर महागठबंधन का कब्जा है.पूर्वी चंपारण और पश्चिम चंपारण की बात करें, तो इन दोनों जिलों में 21 विधानसभा सीटें हैं.इन दोनों जिलों के 21 सीटें में 17 सीटों पर एनडीए का कब्जा है.17 में 15 सीटें अकेले भाजपा के खाते में हैं. 2015 विधानसभा चुनाव में जदयू नेता और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का एनडीए में नहीं होने से भाजपा को नुकसान हुआ था.2015 में पूर्वी चंपारण की 12 विधानसभा सीटों में से एनडीए के खाते में पांच सीटें गई थी. जबकि सात सीटों पर महागठबंधन ने कब्जा जमाया था. अब 2025 विधानसभा चुनाव में सभी सीटों पर कैसे कब्जा जमाया जाए इसकी जुगत में एनडीए है. इसलिए प्रधानमंत्री का दौरा महत्वपूर्ण माना जा रहा है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है