दानापुर. शराब बेचने व सेवन करने के मामले में उपकारा में बंदी महादलित युवक की इलाज के दौरान पीएमसीएच में शनिवार की देर रात मौत हो गयी. मृतक की पहचान थाने के गाभतल निवासी देव मांझी के पुत्र सुनील मांझी के रूप में की गयी है. मौत की सूचना मिलते ही मृतक के परिजन व मोहल्ले के लोगों ने रविवार की सुबह उपकारा गेट पर जमकर हंगामा किया. उपकारा प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया. परिजनों ने थाने का घेराव कर नारेबारी करते हुए प्रदर्शन किया. इस दौरान दानापुर-गांधी मैदान मुख्य मार्ग के थाना मोड़ के पास टायर जलाकर आगजनी की. रविवार शाम शव आने के बाद परिजनों ने दानापुर-गांधी मैदान मुख्य मार्ग को गाभतल मोड़ के पास शव रखकर सड़क जाम कर मुआवजे की मांग की. जाम की सूचना पर पहुंची पुलिस ने बल पूर्वक सड़क जाम कर रहे लोगों को खदेड़ दिया. जाम के कारण आधा घंटे तक आवागमन बाधित रहा. मृतक की पत्नी ममता देवी ने बताया कि 9 जून को शाम में पुलिस ने मेरे पति को शराब पीने के आरोप में गिरफ्तार किया था. उसके बाद घर में 10 लीटर शराब रखकर शराब बेचने का भी आरोप लगाकर जेल भेज दिया. उन्होंने बताया कि मेरे पति मिर्गी रोग से ग्रस्त था मंगलवार सुबह जेल भेजने के दौरान थाना गेट पर ही बेहोश होकर गिर पड़े थे. इसके बाद भी पुलिस इलाज कराने के बजाय न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया. मृतक सुनील के परिजनों ने पुलिस पर आरोप लगाया कि छोड़ने के लिए दो हजार रुपये नहीं दिया तो जेल भेज दिया गया. मृतक के परिजनों ने पुलिस और उपकारा प्रशासन पर इलाज कराने में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है. पद्मश्री सुधा वर्गीज ने बताया कि पुलिस पर मानवाधिकार का हनन करने का आरोप लगाया है. उपकारा अधीक्षक अनिल कुमार ने बताया कि 10 जून को दानापुर पुलिस ने उत्पाद अधिनियम में सुनील मांझी और घमंडी मांझी को न्यायिक हिरासत में लाया था. सुनील का तबीयत खराब होने पर उपकारा के चिकित्सक ने इलाज किया ज्यादा तबीयत खराब होने पर 13 जून को सुनील को अनुमंडलीय अस्पताल में भर्ती कराया गया था. ठीक होने के बाद पुन: उपकारा में लाया गया था. 14 जून को दोपहर में फिर सुनील की तबीयत बिगड़ने पर अनुमंडलीय अस्पताल में भर्ती कराया गया. जहां प्राथमिक उपचार के बाद पीएमसीएच रेफर कर दिया गया. और इलाज के दौरान देर रात पीएमसीएच में सुनील की मौत हो गयी. थानाध्यक्ष पीके भारद्वाज ने बताया कि पिछले 9 जून को शराब बेचने व पीने के आरोप में सुनील वा घमंडी मांझी को गिरफ्तार किया गया था और 10 जून को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था.
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