संवाददाता, पटना
पटना विश्वविद्यालय की ओर से आउट सोर्सिंग के माध्यम से नॉन टीचिंग स्टाफ को संविदा पर रखा गया है. संविदा पर भी 50 प्रतिशत से कम ही कर्मियों को बहाल किया गया है. आउट सोर्सिंग व प्राइवेट एजेंसियों के माध्यम से कुल 178 नॉन टीचिंग स्टाफ को पिछले दो माह से वेतन का भुगतान नहीं किया गया है. आउटसोर्सिंग के माध्यम से अन स्किल्ड, स्किल्ड और हाइ स्किल्ड श्रेणी में अलग-अलग संख्या में कर्मियों को रखा गया है. विश्वविद्यालय की ओर से वेतन का भुगतान नहीं करने की वजह से आउट सोर्सिंग व प्राइवेट एजेंसियों के माध्यम से बहाल किये गये कर्मियों का कहना है कि कुछ माह तक वेतन समय पर मिलता है. इसके बाद फिर एक-दो महीने के वेतन भुगतान में देरी होती है. कर्मियों का कहना है कि वेतन नहीं मिलने से घर का पूरा बजट ही गड़बड़ हो जाता है. इसका असर बच्चों की पढ़ाई और रोजमर्रा की जिंदगी पर भी पड़ता है. विश्वविद्यालय की ओर से आउटसोर्सिंग के माध्यम से बहाल किये गये नॉन टीचिंग स्टाफ को पिछले पांच वर्षों से विश्वविद्यालय के फंड से वेतन दिया जा रहा है.इतने कर्मी आउटसोर्सिंग से किये गये हैं बहाल
श्रेणी- कर्मियों की संख्या
अन स्किल्ड- 111
सेमी स्किल्ड- 6स्किल्ड- 12
हाइ स्किल्ड- 38असिस्टेंट लाइब्रेरियन- 11
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