संवाददाता, पटना
पटना सायंस कॉलेज की ओर से कबीर जयंती के अवसर पर ऑनलाइन एकल व्याख्यान का आयोजन किया गया. वर्तमान सामाजिक संदर्भ में संत कबीर काव्य की प्रासंगिकता विषय पर आयोजित व्याख्यान की अध्यक्षता कॉलेज के प्राचार्य प्रो डॉ अतुल आदित्य पांडेय ने किया. वहीं मुख्य वक्ता के रूप में साहित्यकार, विचारक व समाज चिंतक डॉ काली चरण स्नेही ने अपने विचार व्यक्त किये. मुख्य वक्ता डॉ काली चरण स्नेही ने अपने वक्तव्य में संत कबीर की वाणी को ””जन चेतना की अग्निशिखा”” कहा. उन्होंने कहा कि कबीर ने सांचे को तोड़ने की बात की, उन्होंने रूढ़ियों, अंधविश्वासों और पाखंडों पर तीखा प्रहार किया. आज जब समाज बहरूपिया आधुनिकता के जाल में उलझा हुआ है और नैतिक मूल्य क्षीण हो रहे हैं, ऐसे में कबीर का निर्भीक स्वर हमें आत्ममंथन की प्रेरणा देता है. उनका यह कथन पोथी पढ़ि पढ़ि जग मुआ, पंडित भया न कोय. आज की शैक्षणिक व्यवस्था पर भी उतना ही लागू होता है. उन्होंने कबीर की पंक्तियों को उद्धृत करते हुए उसे वर्तमान सामाजिक परिवेश से जोड़ा और बताया कि किस तरह कबीर का दर्शन आज के युवाओं को एक सजीव, तर्कसंगत और समावेशी दृष्टिकोण प्रदान कर सकता है. वहीं अध्यक्षीय भाषण में प्राचार्य प्रो पांडेय ने संत कबीर को भारतीय जनमानस का आत्म स्वर बताते हुए कहा कि कबीर केवल भक्त कवि नहीं, बल्कि भारतीय सामाजिक चेतना के अप्रतिम प्रतीक हैं. वे समाज के भीतर मौजूद कृत्रिम दीवारों को तोड़कर इंसान को इंसान से जोड़ने की बात करते हैं. कार्यक्रम में डॉ इंद्र नारायण सिंह, डॉ शोभन चक्रवर्ती, डॉ शेखर, डॉ रंजना, डॉ प्रह्लाद आर्या, डॉ अखिलेश कुमार, डॉ अनुपम अनुराग, डॉ संजय कुमार यादव, डॉ संजीव कुमार सहित अन्य संकाय सदस्यों, स्नातक एवं परास्नातक स्तर के विद्यार्थियों कर्मचारियों एवं शोधार्थियों की उत्साहपूर्ण उपस्थिति रही.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है