बिहार के पूर्णिया जिले में एक ही परिवार के पांच लोगों को पेट्रोल छिड़क कर जिंदा जला दिया गया. जिला मुख्यालय से करीब 20 किलोमीटर दूर पूर्णिया पूर्व प्रखंड की रजीगंज पंचायत के टेटगामा आदिवासी टोला की यह घटना है. मृतको के घर से दो किलोमीटर दूर बहियार में सारे शव बरामद हुए. डायन, झाड़-फूंक के मामले से यह नरसंहार की घटना जुड़ रही है. पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. पहले पांचो लोगों को बेरहमी से पीटा गया और उसके बाद मकई के पराली में पांचों को जिंदा फेंक दिया गया.
एक परिवार के पांच लोगों को जिंदा जलाया
रविवार की रात को यह घटना हुई. कातो देवी (70), उसके बेटा-बहू बाबूलाल उरांव (50) सीता देवी (40), पोता मनजीत (25) उसकी पत्नी रानी (20) की हत्या की गयी. पांचो लोगों को अंधविश्वास में मौत के घाट उतारा गया. दरिंदगी की हद पार करते हुए पहले सबके साथ बेरहमी से मारपीट की गयी. उसके बाद उनके शरीर पर पेट्रोल छिड़क दिया गया. फिर घर के पास ही मकई की पराली लाकर उसमें पांचो को जिंदा फेंक दिया गया. पांचो ने तड़प-तड़प कर दम तोड़ दिया.
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शव को ट्रैक्टर में लोड करके ठिकाने लगाया
जब पांचो लोगों की मौत हो गयी तो बाद में एक ट्रैक्टर पर सारे शव लोड किए गए. मृतकों के घर से करीब दो किलोमीटर दूर ले जाकर बहियार में उनके शव को फेंक दिया गया. शवों को जलकुंभी से भरे चाप में ठिकाने लगाया गया था. शाम में पुलिस ने सभी शव को जब्त किया. बताया जा रहा है कि शव को ठिकाने लगाने के लिए ट्रैक्टर का 40 हजार भाड़ा दिया गया था.

डायन के शक में परिवार को दी खौफनाक मौत!
घटना के बाद से बस्ती के सारे लोग फरार हैं. मृतक परिवार का एक बच्चा सोनू किसी तरह अपनी जान बचा सका. उसे पुलिस को सूचना दी तो पुलिस उस बस्ती में पहुंची. जानकारी मिली है कि टेटगामा आदिवासी टोला में हाल के दिनों में अचानक तीन बच्चों की मौत हो गयी थी. इसे लेकर अंधविश्वास बस्ती के लोगों में कायम हो गया था. मृतक परिवार पर डायन होने और झाड़-फूंक करने का शक होने पर इस घटना को अंजाम दिया गया. हालांकि पुलिस मामले की जांच कर रही है.