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Bihar Flood: नेपाल में बारिश से बिहार के गांवों से शहरों तक पानी-ही-पानी, परेशानी में जिंदगानी

नेपाल से शनिवार दोपहर दो बजे तक पानी का डिस्चार्ज चार लाख 62 हजार 550 क्यूसेक हो गया और कोसी बैराज से पानी का डिस्चार्ज पांच लाख 31 हजार 785 क्यूसेक

नेपाल के तराई क्षेत्र में लगातार बारिश ने कोसी के जलस्तर को काफी बढ़ा दिया है. नेपाल स्थित बराह से शनिवार दोपहर दो बजे तक पानी का डिस्चार्ज चार लाख 62 हजार 550 क्यूसेक हो गया और कोसी बैराज से पानी का डिस्चार्ज पांच लाख 31 हजार 785 क्यूसेक. बैराज पर खतरे का निशान 74 .77 मीटर है. शनिवार को 201 मीटर यानी खतरे के निशान से 126.33 मीटर ऊपर जलस्तर चला गया.

सुपौल के साथ ही सहरसा, मधेपुरा, अररिया, पूर्णिया व कटिहार में भी प्रशासन ने अलर्ट जारी कर दिया है. छुट्टियां रद्द कर दी गयी हैं. सुपौल जिला प्रशासन ने शुक्रवार को ही हाई अलर्ट जारी कर दिया है. तटबंध के अंदर सभी आंगनबाड़ी केंद्र व स्कूलों को तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया गया है.

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तटबंध के अंदर बसे लोगों के बीच जनप्रतिनिधियों व पदाधिकारियों के माध्यम से बस्ती छोड़ कर ऊंचे स्थानों पर जाने की अपील की जा रही है. इसके लिए जगह-जगह नाव व स्टीमर की व्यवस्था की गयी है. बाहर निकलनेवाले लोगों के लिए सामुदायिक किचेन की व्यवस्था शुरू कर दी गयी है. लगभग पांच बाढ़ राहत केंद्र तैयार कर दिया गया है, ताकि लोग आयेंगे, तो उसमें राहत पा सकेंगे. अनुमान है कि अभी तक दो प्रतिशत लोगों ने ही घर छोड़ा है. 

सुपौल के 199 गांव खतरे की आशंका के दायरे में

तटबंध के किनारे में सुपौल जिले के बसंतपुर प्रखंड के छह गांव, सरायगढ़ प्रखंड की सात पंचायत, किशनपुर प्रखंड की छह पंचायत, सुपौल प्रखंड की छह पंचायत, मरौना प्रखंड की चार पंचायत, निर्मली प्रखंड की चार पंचायत पूर्वी और पश्चिमी तटबंध के बीच बसी हुई है, जिन पर खतरे की आशंका है. कुल 199 गांव पर खतरे की आशंका से घिरे हैं. 

गंगा में भी उफान बढ़ने की आशंका 

नंपाल में लगातार बारिश की वजह से कोसी में उफान की स्थिति है. इसका असर गंगा नदी पर पड़ेगा. कोसी मुख्य रूप से कुर्सेला के पास गंगा में मिलती है, जो भागलपुर व कटिहार जिले के बीच का क्षेत्र है. अब जबकि कोसी का पानी गंगा में मिलेगा, तो एक बड़े इलाके में स्थिति फिर से विकट हो जायेगी. गंगा तीन दिन पहले भी उफान पर था, जो कम हो रहा था. खतरे के निशान से जलस्तर नीचे आ गया. लेकिन एक बार फिर गंगा में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो सकती है.

कुसहा त्रासदी के मुकाबले ढाई गुना से भी अधिक पानी का डिस्चार्ज

शनिवार को जो बराह क्षेत्र से पानी का डिस्चार्ज हुआ है वह 18 अगस्त, 2008 को हुई कुसहा त्रासदी के मुकाबले ढाई गुना से भी अधिक है. 18 अगस्त, 2008 को बराह क्षेत्र से एक लाख 74 हजार क्यूसेक पानी का डिस्चार्ज हुआ था, जबकि शनिवार को चार लाख 62 हजार 550 क्यूसेक. वर्ष 2008 में बराह क्षेत्र और कोसी बराज के बीच कुसाहा के पास बांध टूट गया था.

इससे कई जिलों में कोसी ने तबाही मचायी थी. बराह से बैराज तक पानी को पहुंचने में छह घंटे लगते हैं. बराज बांध से सुपौल की दूरी लगभग 55 किलोमीटर है. बैराज से सुपौल सदर प्रखंड तक पानी को पहुंचने में सात घंटे लगते हैं. लोग काफी भयभीत हैं. वे 2008 की भयावहता को झेल चुके हैं और इस बार के अलर्ट के बाद लोगों में डर बढ़ गया है.

RajeshKumar Ojha
RajeshKumar Ojha
Senior Journalist with more than 20 years of experience in reporting for Print & Digital.

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