संवाददाता,पटना बिहार के विश्वविद्यालयों/ कॉलेजों में पढ़ा रही महिला शिक्षकों को चाइल्ड केयर लीव देने का रास्ता साफ होने जा रहा है. राजभवन ने इसके लिए परिनियम बना कर शिक्षा विभाग को भेज दिया है. जल्दी ही इस परिनियम पर शिक्षा विभाग की मुहर लग जायेगी. दरअसल शिक्षा विभाग से सहमति मिलने के बाद ही राजभवन इस परिनियम को प्रभावी करने के लिए विश्वविद्यालयों को लिखेगा. चाइल्ड केयर लीव यूजीसी के नॉर्म्स के अनुसार तैयार की गयी है. अभी बिहार के किसी भी विश्वविद्यालय में चाइल्ड केयर लीव प्रभावी नहीं है, जबकि राज्य के सभी स्कूलों की महिला शिक्षकों को यह लीव दी जा रही है. यूजीसी ने विश्वविद्यालय की महिला शिक्षकों को बच्चे की देखभाल के लिए दो साल तक चाइल्ड केयर लीव देने का प्रावधान कर रखा है. यह अवकाश मातृत्व अवकाश के अलावा है. यह महिला कर्मचारियों को उनके 18 साल से कम आयु बच्चों की देखभाल के लिए दिया जाता है. इस लीव का खाता अलग से रखा जायेगा. इसे सेवा पुस्तिका में भी दर्ज किया जायेगा. इस लीव के प्रभावी हाेने के बाद संबंधित शिक्षक के अन्य अवकाश स्वीकृत नहीं किये जायेंगे. यह अवकाश अधिकतम दो बच्चों के लिए लागू है. सुप्रीम कोर्ट ने भी महिला कर्मचारियों के लिए दो साल का चाइल्ड केयर अवकाश संवैधानिक अधिकार घोषित किया है.
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