संवाददाता, पटना बिहार दिवस के अवसर पर शहर के गांधी मैदान में आयोजित पटना पुस्तक महोत्सव में रविवार को मुख्य मंच पर डाॅ सुनील कुमार पाठक की भोजपुरी की दूसरी समालोचना -कृति भोजपुरी कविता : रुचि आ रचाव का विमोचन किया गया. पुस्तक का प्रकाशन दिल्ली के भोजपुरी संस्थान ने किया है. विमोचन समारोह में मुख्य अतिथि भोजपुरी और हिंदी के सुप्रसिद्ध साहित्यकार भगवती प्रसाद द्विवेदी ने कहा कि भोजपुरी काव्यालोचना को समृद्ध करने में डाॅ सुनील पाठक का महत्वपूर्ण योगदान है. इस अवसर पर लेखक डाॅ सुनील ने कहा कि भोजपुरी कविता का काव्य-फलक सामाजिक प्रतिबद्धतामूलक है. विशिष्ट अतिथि डाॅ रामरक्षा मिश्र ””””विमल”””” ने कहा कि भोजपुरी समीक्षा में डाॅ सुनील का अवदान अत्यंत उल्लेखनीय और ऐतिहासिक है. यह काफी गंभीरतापूर्वक विषय की गहराई में उतर कर कविताओं का निष्पक्ष मूल्यांकन करते हैं. मुख्य वक्ता हिंदी और भोजपुरी एवं संस्कृत के विद्वान मार्कंडेय शारदेय ने विश्वास व्यक्त किया कि जिस गति और गंभीरता से भोजपुरी काव्य- परंपरा और प्रगति का विवेचनात्मक अध्ययन प्रस्तुत कर रहे हैं वह भोजपुरी साहित्य के लिए अत्यंत शुभ एवं सार्थक है.
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