संवाददाता, पटना: भू-संपदा विनियामक प्राधिकरण (रेरा), बिहार ने नवीनतम तकनीक का उपयोग कर बिना निबंधन के चल रहे रियल एस्टेट प्रोजेक्टों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू कर दी है. पहले चरण में पटना जिले के विभिन्न इलाकों में ऐसे 10 निर्माण स्थलों की पहचान की गयी है, जहां बिना रेरा निबंधन के फ्लैट व प्लॉट की बिक्री की जा रही थी.इस कार्य में रेरा को वन एवं पर्यावरण विभाग के वैज्ञानिक पदाधिकारी भवेश कुमार का तकनीकी सहयोग मिला. कुमार ने रेरा के अध्यक्ष विवेक कुमार सिंह के समक्ष सैटेलाइट चित्रों पर आधारित एक विस्तृत प्रस्तुतीकरण दिया. उन्होंने बताया कि कैसे आधुनिक तकनीक के जरिये उन बिल्डरों की पहचान की जा सकती है, जो रेरा अधिनियम का उल्लंघन कर बिना निबंधन के निर्माण कार्य कर रहे हैं. प्रस्तुतीकरण में आनंदपुर, अख्तियारपुर, राजपुर, शिवाला, हथिया कंध, उसरी, रानीपुर, बिहटा, रूपसपुर, आदमपुर और दानापुर जैसे क्षेत्रों में संचालित 10 अवैध प्रोजेक्टों के उपग्रह चित्र प्रस्तुत किये गये, जिनमें निर्माण की स्थिति स्पष्ट दिखायी गयी.
फ्लैट की रजिस्ट्री पर लगेगी रोक
रेरा अध्यक्ष विवेक कुमार सिंह ने कहा कि उपग्रह चित्रों से यह स्पष्ट हो गया है कि इन प्रोजेक्टों को बिना वैधानिक अनुमति के चलाया जा रहा है. इन बिल्डरों पर जुर्माने के साथ-साथ उनके द्वारा बनाये गये फ्लैट और प्लॉट के निबंधन पर रोक लगाने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है.टीम ने स्थल पर जाकर बिना रेरा निबंधन वाले 62 प्रोजेक्टों की पहचान की थी
उन्होंने बताया कि इससे पहले भी तकनीकी टीमों को उन स्थलों पर भेजा गया था, जहां बिल्डरों ने रेरा पंजीकरण के लिए आवेदन किया था, पर मानकों को पूरा नहीं कर पाने के कारण उनके आवेदन अस्वीकार कर दिये गये थे. इन टीमों ने 62 ऐसे प्रोजेक्टों की पहचान की, जो बिना रेरा पंजीकरण के बनाये जा रहे थे. सभी मामलों में कार्रवाई की जा रही है व तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर ठोस प्रमाण जुटाये जा रहे हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है