बिहटा. गुरुवार को प्रखंड कार्यालय स्थित अमर शहीद कालेश्वर सभागार में गुरुवार को बीस सूत्री कार्यक्रम कार्यान्वयन समिति की मासिक समीक्षा बैठक हुई. अध्यक्षता समिति अध्यक्ष कृशानु शांडिल्य ने की, जबकि बीडीओ चंदा कुमारी, सीओ राकेश कुमार सिंह, बीइओ, प्रखंड कृषि पदाधिकारी, पंचायती राज पदाधिकारी सहित अन्य अधिकारी एवं जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे. बैठक में विभिन्न योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की गयी, साथ ही विभागीय लापरवाही पर नाराजगी जतायी. रेफरल अस्पताल, बिजली विभाग, नलकूप सिंचाई व बिहटा व नेउरा थाना के वरीय अधिकारी बैठक में अनुपस्थित रहे या केवल प्रतिनिधि भेजकर औपचारिकता निभाई, जिसे लेकर जनप्रतिनिधियों ने कड़ी आपत्ति जतायी. बिजली विभाग के खिलाफ सबसे अधिक शिकायतें सामने आयी. सदस्यों ने आरोप लगाया कि जेइ और अन्य अधिकारी फोन नहीं उठाते और बिना अवैध भुगतान के मिस्त्री कार्य नहीं करते. बिजली चोरी रोकने की कार्रवाई में दलालों की भूमिका पर भी सवाल उठे. नगर परिषद एवं पंचायत क्षेत्र की 17 नल-जल योजनाएं बंद पायी गयी, जिससे विशेष रूप से महादलित बस्तियों में पेयजल संकट उत्पन्न हो गया है. शिक्षा व्यवस्था की बदहाली को लेकर भी चिंता व्यक्त की गयी. बैठक में मौजूद सदस्यों ने सप्ताह में एक दिन प्रखंड स्तर पर जनता दरबार आयोजित करने का सुझाव दिया. मौके पर राजू कुमार, सदस्य देवन्ति देवी, सरोज कुमार सिंह, दीपक कुमार, मनोज सिंह, ब्रजेश सिंह, नागेंद्र कुशवाहा, कुमुद मिश्रा, मृत्युंजय कुमार, लक्ष्मण भगत सहित कई लोग उपस्थित रहे.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है