राजद राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक. कई प्रस्तावों पर बनी सहमति संवाददाता, पटना
राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद ने एकबार फिर दोहराया कि पार्टी और तेजस्वी यादव को मजबूत करना है. सब मिल कर तेजस्वी को मुख्यमंत्री बनाएं. बिहार बदलाव चाहता है. शुक्रवार को राजद की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में राजनीतिक,आर्थिक ,विदेश और सामाजिक न्याय,जातिगत जनगणना और आरक्षण संबंधी प्रस्तावों पर सहमति बनी. सबसे अधिक फोकस सामाजिक न्याय,जातिगत जनगणना और आरक्षण संबंधी प्रस्तावों पर रहा. इस प्रस्ताव में पार्टी ने माना कि जितनी आबादी भारी ,उतनी हिस्सेदारी राजद का मूलमंत्र है. राजद मानता है कि पिछड़ी जातियों को उतना ही आरक्षण मिलना चाहिए, जितनी उनकी जनसंख्या है. यह चारों प्रस्ताव शनिवार पांच जुलाई को बापू सभागार में आयोजित राष्ट्रीय परिषद की बैठक में पारित किये जायेंगे.
आज लालू की 13वीं बार राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने की घोषणा की जायेगी: इसी दौरान राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में लालू प्रसाद की 13 वीं बार राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने की आधिकारिक घोषणा की जायेगी.इसके पहले राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव,शिवानंद तिवारी,अब्दुल बारी सिद्दीकी एवं राजद के सभी सांसद, बिहार के विधायक, एमएलसी और विभिन्न राज्यों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे. प्रस्ताव में बताया गया कि सुप्रीम कोर्ट की तरफ से तय की गयी 50 % आरक्षण सीमा को राजद अन्यायपूर्ण मानता है. उसका मानना है कि जब पिछड़े की आबादी इससे अधिक है, तो यह सीमा क्यों? पार्टी ने निजी क्षेत्र में आरक्षण की मांग की. कहा गया कि आने वाले दिनों में यह दबाव बनाता रहेंगे कि जातिगत गणना फौरी तौर पर करते हुए ओबीसी समुदाय की कुल संख्या और संपूर्ण आबादी में उसका प्रतिशत सार्वजनिक किया जाये.
राजनीतिक प्रस्ताव
सरकारी नौकरियों में रिक्त पदों की शीघ्र भर्ती हो.
शिक्षा में सरकारी निवेश में वृद्धि हो.
धन के न्यायपूर्ण पुनर्वितरण किया जाये.
अमृत महोत्सव के बहाने लिखवाये जा रहे इतिहास की निंदा.
एमएसपी को कानून की गारंटी.
विदेश नीति संबंधी प्रस्ताव
केंद्र सरकार ने स्वतंत्र विदेश नीति को ताक पर रखा
पड़ौसी देशों के साथ मजबूत संबंध बनाने ””गुजराल सिद्धांत”” पर काम करे.
इस्राइल नीति की आलोचना.
मुक्त व्यापार समझौतों का विरोध
आर्थिक नीति संबंधी प्रस्ताव
वित्त आयोग के फाॅर्मूले को गरीबी और पिछड़ेपन के आधार पर पुनर्गठित करने की मांग.
राज्यों को ज्यादा कर की मांग.
कानूनी गारंटी के साथ किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य.
असंगठित क्षेत्रों से जुड़े युवा के लिए सामाजिक सुरक्षा योजना.
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