संवाददाता, पटनाराष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा यानि नीट पेपर लीक कांड के मास्टरमाइंड माने जा रहे संजीव मुखिया को आर्थिक अपराध इकाई (इओयू ) ने रिमांड पर लेकर पूछताछ शुरू कर दी है. अदालत ने 36 घंटे की रिमांड मंजूर की है. बहुचर्चित पेपर लीक कांड के आरोपी संजीव को गुरुवार देर रात पटना के दानापुर स्थित सगुना मोड़ इलाके में एक अपार्टमेंट से गिरफ्तार किया गया था़ इओयू ने शुक्रवार को उसे कोर्ट में पेश करते हुए पांच दिन की रिमांड मांगी थी लेकिन अदालते ने आरोपी को जेल भेज दिया. जेल भेजने के 24 घंटे के अंदर ही इओयू ने कोर्ट से रिमांड की अपील की जिसे मंजूर कर लिया गया. अदालत ने संजीव मुखिया को 36 घंटे की रिमांड पर भेजा है. जिसके बाद अब संजीव मुखिया से तेज़ी से पूछताछ हो रही है.
कैसे लीक किया नीट का पेपर, पुलिस अधिकारी जानने की कर रहे कोशिश
सूत्रों के मुताबिक, इओयू की टीम पेपर लीक के पूरे तंत्र, पैसों के खेल और इसमें शामिल बड़े नामों की परतें उधेड़ने में जुटी है. आरोपी पहले भी कई परीक्षाओं में धांधली और पेपर लीक की बड़ी साजिशों का हिस्सा रह चुका है. इस बार उससे यह जानने की कोशिश हो रही है कि नीट पेपर कैसे लीक किया गया, किस-किस की मिलीभगत थी और रैकेट का असली मास्टरप्लान क्या था ? जांच एजेंसी को उम्मीद है कि मुखिया से पूछताछ के बाद न केवल इस घोटाले के कई बड़े चेहरे बेनकाब होंगे, बल्कि पेपर लीक के राष्ट्रीय नेटवर्क तक भी पहुंचा जा सकेगा. जल्द ही इस मामले में और बड़ी गिरफ्तारियां होने के संकेत मिले हैं.
संजीव मुखिया के भगिना शुभम कुमार और राजकिशोर कुमार की तलाश में पुलिस ने कई जिलों में दबिश तेज
मुख्य सरगना संजीव मुखिया की गिरफ्तारी के बाद अब आर्थिक अपराध इकाई (इओयू ) ने उसके नेटवर्क को ध्वस्त करने की मुहिम छेड़ दी है. मुखिया के इशारे पर चलने वाले उसके खास भगना शुभम कुमार और राजकिशोर कुमार की तलाश में पुलिस ने कई जिलों में दबिश तेज कर दी है. दोनों पर एक-एक लाख रुपये का इनाम घोषित किया गया है.
36 घंटे की रिमांड पर लिए गये संजीव मुखिया से गहन पूछताछ में इओयू को फरार गुर्गों के संभावित ठिकानों के अहम सुराग मिले हैं. इसके बाद एसओजी की टीमें बिहार में लगातार छापेमारी कर रही हैं. नालंदा के सोहसराय थाना क्षेत्र के बीच बाजार इलाके, अरवल जिले के करपी थाना क्षेत्र और पटना के कुछ चुनिंदा स्थानों पर भी निगरानी बढ़ा दी गई है.अखबारों में आयेगा
इश्तहार
शुभम कुमार और राजकिशोर कुमार जहां भी छिपे हैं वहां उनको देखते ही सूचना मिल जाए इसके लिए इओयू ने सूचना एवं जनसंपर्क विभाग को पत्र भेजा है, ताकि सभी प्रमुख अखबारों में विज्ञापन प्रकाशित कराया जा सके. इन अपराधियों की सूचना देने वालों की पहचान गोपनीय रखी जाएगी. इनाम की वैधता सात अप्रैल 2025 से दो साल तक रहेगी.अभी तक की जांच में सामने आया है कि शुभम कुमार (निवासी: बीचबाजार, सोहसराय, नालंदा) संजीव मुखिया का सगा भांजा है और पेपर लीक रैकेट का मजबूत स्तंभ है. वह अभ्यर्थियों तक प्रश्नपत्र पहुंचाने और हल कराने में सीधी भूमिका निभाता था. दूसरी ओर, राजकिशोर कुमार पेपर सौदेबाजी का ‘लेन-देन मास्टर’ था. इओयू को उसके बैंक खाते से काले धन के लेन-देन के पुख्ता सबूत हाथ लगे हैं.
क्या कहते हैं अधिकारी
इओयू के अफसरों का कहना है कि मुखिया घिर चुका है, अब पूरा नेटवर्क नेस्तनाबूद करना है. फरार गुर्गों की गिरफ्तारी बस वक्त की बात है. जल्द ही नीट पेपर लीक कांड के हर सूत्रधार को सलाखों के पीछे पहुंचाया जाएगा.इओयू के तीन टारगेट
1 फरार गुर्गों की गिरफ्तारी2 पूरे रैकेट का पर्दाफाश3 पेपर माफिया का सफायाडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है