संवाददाता, पटना : विश्व पर्यावरण दिवस पर गांधी मैदान स्थित ज्ञान भवन में गुरुवार को बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस बार पर्यावरण दिवस की थीम ‘प्लास्टिक प्रदूषण पर नियंत्रण’ थी. कार्यक्रम में वन व जलवायु परिवर्तन मंत्री डॉ सुनील कुमार ने कहा कि प्लास्टिक के खतरों से अपने जीवन को बचाएं, क्योंकि प्लास्टिक उत्पादों का विघटन नहीं होता है. जलाये जाने पर विषाक्त गैसें भी उत्सर्जित हाेती हैं. जब कृषि भूमि, नदी-नालों में प्लास्टिक को फेंका जाता है, तो जमीन की उर्वरा शक्ति भी कम हो जाती है. नाले अवरुद्ध होते हैं. पशुओं द्वारा निगले जाने पर उनका जीवन खतरे में पड़ जाता है. मौके पर उन्होंने बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण की स्थापना के 50 वर्ष पूरे होने पर विशेष आवरण का विमोचन किया.
रैयती भूमि पर पौधे लगा कर कमाएं
मंत्री ने ‘वानिकी किसान योजना’ की चर्चा करते हुए कहा कि किसान अपनी भूमि पर पौधे लगा कर आर्थिक लाभ भी ले सकते है. पेड़ व इसके फल उन्हीं की संपति होंगे. जल-जीवन-हरियाली योजना से भूगर्भीय जल का स्तर सुधरा है. उन्होंने बताया की प्रधानमंत्री के आह्ववान पर ”एक पेड़ मां के नाम’ के तहत बिहार राज्य में 4:24 करोड़ पेड़ लगाये गये हैं. इस अवसर पर उन्होंने एक नारा दिया ‘हरित बिहार बनाना है- नया बिहार बनाना है.’प्लास्टिक कैरी बैग का उपयोग बंद करें
कार्यक्रम की अध्यक्षता करती हुई पर्यावरण वन व जलवायु परिवर्तन विभाग की अपर मुख्य सचिव डॉ हरजोत कौर ने कहा कि राज्य में प्लास्टिक कैरी बैग व एकल उपयोग वाले चिह्नित प्लास्टिक उत्पादों को पहले ही प्रतिबंधित किया जा चुका है. लेकिन, जब तक हम सभी इसका उपयोग बंद नहीं करेंगे, तब तक यह प्रतिबंध प्रभावी नहीं हो पायेगा. अतिथियों को स्वागत करते हुए बोर्ड के अध्यक्ष डॉ डीके शुक्ला ने कहा कि आज जरूरत है कि हम प्लास्टिक के सही निबटान में सहयोग करें व प्लास्टिक प्रदूषण की रोकथाम में हाथ बटाएं. बोर्ड की तरफ से 17 मई को ज्ञान भवन में हुई क्विज, निबंध लेखन व स्थल चित्रकारी प्रतियोगिता में चयनित प्रतिभागी पुरस्कृत किये गये. बोर्ड के सदस्य सचिव नीरज नारायण ने धन्यवाद ज्ञापन किया.तीन लोगों को मिला पर्यावरण हितैषी पुरस्कार
कार्यक्रम के दौरान पर्यावरण संरक्षण व संवर्द्धन के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिए तीन लोगों को ‘पर्यावरण हितैषी पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया. इनमें बेतिया के मनोज कुमार, पटना के रूकनपुरा के अतुल्य गुंजन और जमुई के संतोष कुमार सुमन शामिल हैं. बिहार विवि, मुजफ्फरपुर से जूलॉजी में स्नातक 54 वर्षीय मनोज कुमार ने 2007 में पश्चिम व पूर्वी चंपारण और आसपास के जिलों में पौधा लगाने का अभियान शुरू किया. अब तक उन्होंने अपने खर्च पर 10 हजार से अधिक पौधे लगा चुके हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है