Sawan Somwar 2025: सावन महीने की पहली सोमवारी को लेकर सोमवार को सुबह पांच बजे से ही शहर के शिव मंदिरों में जलाभिषेक और बेलपत्र-धतूरा चढ़ाने के लिए श्रद्धालुओं की लंबी कतारें देखी गयीं. पटना जंक्शन स्थित प्रसिद्ध महावीर मंदिर, खाजपुरा शिवमंदिर, गर्दनीबाग ठाकुरबाड़ी, कंकड़बाग शिव मंदिर, बोरिंग रोड चौराहा, पंचमुखी मंदिर, बांसघाट शिव मंदिर, भूतनाथ रोड स्थित शिवालयों से लेकर मोहल्लों के छोटे-छोटे मंदिरों तक भोलेनाथ के जयकारों की गूंज देर शाम तक सुनाई दी. बड़ी संख्या में शिव भक्तों ने गंगा स्नान कर मंदिरों में भगवान शंकर को गंगाजल, बेलपत्र, धतूरा, आक और दूध से अभिषेक किया. सोमवार को लेकर युवा और महिला शिवभक्तों में विशेष उत्साह दिखा. कई श्रद्धालुओं ने उपवास रखकर परिवार की सुख-समृद्धि की कामना की. पहली सोमवारी को लेकर प्रशासन की ओर से सुरक्षा को ले खास प्रबंध किये गये थे.
बेलपत्र और धतूरा की खूब हुई बिक्री
सावन की पहली सोमवारी पर बेलपत्र और धतूरा की बिक्री में जबरदस्त बढ़ोतरी देखी गयी. मंदिरों और बाजारों में बेलपत्र की माला, ताजे पत्ते, और धतूरा के फूल-फल बिकते रहे. कंकड़बाग, चिरैयाटाड़, बोरिंग रोड जैसे इलाकों में इनकी कीमत 10-20 रुपये थी. ज्योतिषाचार्य शंभू प्रसाद के अनुसार, बेलपत्र और धतूरा भगवान शिव को प्रिय होते हैं और इनसे शिव शीघ्र प्रसन्न होकर भक्तों की मनोकामना पूरी करते हैं. इस दिन शिवालयों में भक्तों की कतारें बढ़ती गयी, और वातावरण शिव भक्ति से गूंजता रहा.

सोमव्रत आत्मा को शिवत्व की ओर ले जाता है
श्रावण मास में सोमव्रत को सर्वोच्च पुण्यदायक माना गया है. पंडित राघव नाथ झा बताते हैं कि सोमव्रत आत्मा को शिवत्व की ओर ले जाने वाली साधना है. शिवपुराण में कहा गया है कि सोमव्रत करने से व्यक्ति शिव स्वरूप बनता है. यह व्रत नारी के लिए भी विशेष फलदायक है, जैसा कि देवी पार्वती ने शिव को पाने के लिए किया था. मंदिर प्रबंध समितियां और प्रशासन ने भक्तों की सुविधा और सुरक्षा के लिए विशेष इंतजाम किये थे. वहीं कई स्थानों पर स्वयंसेवी संगठन भी श्रद्धालुओं की मदद में लगे रहे.
मिथिलांचल में शुरू हुआ 14 दिवसीय मधुश्रावणी व्रत
मिथिलांचल की नवविवाहिताओं के लिए सुहाग व प्रेम का प्रतीक पर्व मधुश्रावणी व्रत श्रवण कृष्ण पंचमी से शुरू हो गया है. यह पर्व 14 दिनों तक चलेगा और श्रावण शुक्ल तृतीया 27 जुलाई को समाप्त होगा. नवविवाहिताएं पति की लंबी उम्र के लिए माता गौरी और विषहरी नागिन की पूजा करती हैं. इस पूजा की खास बात यह है कि इसमें बासी फूल से देवी की आराधना की जाती है. पंडित राकेश झा ने बताया कि पूरे अनुष्ठान के दौरान व्रती बिना नमक का भोजन करती हैं और कथाओं के माध्यम से शिव-पार्वती के विवाह, गंगा कथा, बिहुला कथा आदि सुनती हैं. पूजा के अंत में पति अपनी पत्नी को सिंदूर भी लगाता है.

नर्मदेश्वर महादेव मंदिर में हुआ रुद्राभिषेक
सावन की पहली सोमवारी को आशियाना नगर फेज-2 स्थित नर्मदेश्वर महादेव मंदिर में सामूहिक रुद्राभिषेक किया गया. मंदिर प्रबंध समिति के अध्यक्ष शिवशंकर आचार्या व प्रबंध समिति के पंकज कुमार ने बताया कि पहली सोमवारी के दिन पूरे विधि-विधान से नर्मदेश्वर महादेव का सामूहिक रुद्राभिषेक किया गया. सुबह पांच बजे से नर्मदेश्वर महादेव शिवलिंग पर जलाभिषेक प्रारंभ हुआ. देर शाम तक भक्त जलाभिषेक करते दिखे.देर शाम नर्मदेश्वर महादेव का प्राकृतिक फूलों से आकर्षक श्रृंगार किया गया. मौके पर पंडित शंभूनाथ त्रिवेदी, अरूण कुमार सिंह, जानकी शरण, प्रिंस चौधरी, प्रशांत, शशांक शेखर आदि मौजूद रहे.

पटना सिटी : 11 हजार भक्तों ने चढ़ाया जल व दूध
ओम जय शिव ओंकारा…सरीखे मंगल आरती के साथ बह्म मुहूर्त में तड़के चार बजे गौरीशंकर मंदिर का कपाट भक्तों के लिए खोला गया. मंदिर के पुजारी तारकेश्वर नाथ शास्त्री की देखरेख में धार्मिक अनुष्ठान हुए. पहली सोमवार को गायघाट स्थित 525 से अधिक वर्ष प्राचीन गौरीशंकर मंदिर में जलाभिषेक के लिए श्रद्धालुओं की कतारें दोपहर तक लगी रही. मंदिर के सचिव विश्वनाथ चौधरी, उपाध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद व शंकर चौधरी ने बताया कि लगभग 11 हजार भक्तों ने जलाभिषेक व दर्शन पूजन किया. मंदिर में प्रशासन की ओर से दंडाधिकारी व पुलिस पदाधिकारी के तैनात नहीं रहने से थोड़ी परेशानी हुई. चैलीटाड़ स्थित माल्य महादेव मंदिर में भी लगभग 11 हजार भक्तों की ओर से जलाभिषेक व पूजन किया गया. इसके अलावा बाबा मुक्तेश्वरनाथ मंदिर तारणी प्रसाद लेन, पटनेश्वर मंदिर सादिकपुर, पीतल के महादेव जी झाउगंज, तिलकेश्वरनाथ मंदिर, शिव मंदिर पातों की बाग, पश्चिम दरवाजा शिव मंदिर, अलखिया बाबा के मंदिर, हमाम स्थित श्री श्री विश्वनाथ हनुमान साईं मंदिर, घघा घाट शिव मंदिर, सूर्य नारायण मंदिर बालू घाट, रानीघाट भूतेश्वरनाथ, शक्तिपीठ बड़ी पटनदेवी व सिद्धपीठ छोटी पटनदेवी मंदिर स्थित शिवालयों में भक्तों ने पूजा-अर्चना की.
बिहटा : बाबा बिटेश्वरनाथ मंदिर में उमड़े श्रद्धालु
पहली सोमवारी पर बिहटा के प्राचीन बाबा बिटेश्वरनाथ मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी. सुबह से ही हजारों महिलाएं और पुरुष शिव को जलाभिषेक व पूजा-अर्चना करने पहुंचे. पूरा क्षेत्र ‘हर-हर महादेव’ के नारों से गूंज उठा. मंदिर व जिला प्रशासन ने विशेष प्रबंध किए थे, जिसमें महिला श्रद्धालुओं के लिए अलग कतार और भारी पुलिस बल की तैनाती शामिल थी. सीसीटीवी से निगरानी की जा रही थी. दर्शन के लिए रेल और सड़क मार्ग दोनों से श्रद्धालुओं का जत्था लगातार पहुंचता रहा.

खुसरूपुर : बैकुंठधाम मंदिर में श्रद्धालुओं का जनसैलाब
खुसरूपुर स्थित ऐतिहासिक श्रीगौरिशंकर बैकुंठनाथ मंदिर में सावन की पहली सोमवारी को श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी. अहले सुबह से ही मंदिर परिसर ‘हर-हर महादेव’ के जयघोष से गूंजता रहा. श्रद्धालु बैकटपुर गंगा घाट से स्नान कर जल लेकर मंदिर पहुंचे और शिवलिंग पर जलाभिषेक किया. भीड़ को देखते हुए रात एक बजे ही मंदिर का पट खोल दिया गया. प्रशासन ने सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए थे. एसडीपीओ फतुहा पंकज कुमार समेत अन्य अधिकारी रात से ही डटे रहे.
दानापुर : मंदिरों में भक्तों का लगा रहा तांता
दानापुर के सभी शिव मंदिरों में ‘बम बम भोले’… के जयकारें गूंज उठे. शिवालयों में शिवलिंग का विशेष शृंगार कर जलाभिषेक किया गया. पहली सोमवारी पर यहां भी विशेष पूजा अर्चना की गयी. लोगों ने शिवालयों में भगवान शिव, पार्वती, गणेश, कार्तिकेय और नंदी पर बिल्व पत्र, धतूरा, पुष्प सहित अन्य सामग्री चढ़ाकर विशेष पूजन किया. सावन मास के दौरान बालिकाओं व युवतियों ने अच्छे वर व घर की मंगलकामना से व्रत का संकल्प धारण किया, वहीं महिला वर्ग ने भी घर में सुख-शांति व समृद्धि के लिए व्रत शुरू किया.

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