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Sawan Somwar 2025: सावन की अंतिम सोमवारी आज, अनुराधा नक्षत्र और सर्वार्थ सिद्धि योग में श्रद्धालु पूरे दिन करेंगे जलाभिषेक व रुद्राभिषेक

Sawan Somwar 2025: आज देवों के देव महादेव को समर्पित सावन की अंतिम सोमवारी है, जिसे लेकर शिवभक्तों में खासा उत्साह देखा जा रहा है. सनातन धर्म में सावन सोमवार को शिव कृपा प्राप्ति का श्रेष्ठ अवसर माना गया है. अंतिम सोमवारी को लेकर राजधानी के सभी शिवालयों को भव्य रूप से सजाया गया है. रविवार को रिमझिम फुहारों के बीच बाजारों में श्रद्धालुओं व महिलाओं की भीड़ रही, जो व्रत व पूजा के लिए सोलह शृंगार, हरी चूड़ियां और साड़ियों की खरीदारी करती दिखीं. मान्यता है कि सावन के अंतिम सोमवार को व्रत रखने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. इस बार यह दिन ब्रह्म योग, इंद्र योग और सर्वार्थ सिद्धि योग जैसे दुर्लभ संयोगों के साथ और भी फलदायी बन गया है. श्रद्धालु पूरे दिन जलाभिषक व रुद्राभिषेक कर सकेंगे.

Sawan Somwar 2025: सावन मास की चौथी और अंतिम सोमवारी आज है, जो शिव भक्तों के लिए विशेष पुण्यदायिनी मानी जा रही है. अनुराधा और ज्येष्ठा नक्षत्र के संयोग में बन रहे ब्रह्म योग, सर्वार्थ सिद्धि योग और रवियोग इस दिन को और भी शुभ व फलदायक बना रहे हैं. सोमवार को अहले सुबह से ही शिवालयों में ‘हर हर महादेव’ के जयकारे गूंजेंगे और भक्तजन जल, दूध, दही, बेलपत्र, धतूरा से शिवलिंग का जलाभिषेक करेंगे. ज्योतिषाचार्य राकेश झा के अनुसार, इस दिन शिवलिंग पर जल अर्पण से बुद्धि, आरोग्य, वैभव और ग्रह दोषों से मुक्ति मिलती है. नंदी के कान में अपनी मनोकामना कहने की परंपरा भी इस दिन विशेष मानी गयी है. साथ ही शिव परिवार की पूजा- माता पार्वती, गणेश, कार्तिकेय, नागदेव, चंद्रमा, गंगा आदि भी लाभकारी होती है. श्रद्धालु रुद्राष्टक, लिंगाष्टक, शिव तांडव स्तोत्र, महामृत्युंजय मंत्र और ॐ नम: शिवाय के जाप से वातावरण को शिवमय बना देंगे. पंडित झा के अनुसार, विधिपूर्वक रुद्राभिषेक, पार्थिव पूजन और महामृत्युंजय मंत्र जाप से कुंडली के अशुभ ग्रह भी शुभ फल देने लगते हैं. आज पूरे दिन शिवालयों में गंगाजल और कांवड़ियों की ‘बोल बम’ गूंज से माहौल भक्तिमय बना रहेगा.

पटना सिटी: शिव का होगा शृंगार, रूद्राभिषेक की भी तैयारी

पटना सिटी.सावन माह में चौथी सोमवारी को ले शिव मंदिरों में विशेष तैयारी की गयी है. शिवालयों में गायघाट स्थित गौरीशंकर मंदिर, माल्य महादेव मंदिर चैलीटाड़, बाबा मुक्तेश्वरनाथ मंदिर तारणी प्रसाद लेन, पटनेश्वर मंदिर सादिकपुर, पीतल के महादेव जी झाउगंज, तिलकेश्वरनाथ मंदिर,थानेश्वर नाथ शिव मंदिर, शिव मंदिर पातों की बाग, पश्चिम दरवाजा शिव मंदिर, अलखिया बाबा के मंदिर,हमाम स्थित श्री श्री विश्वनाथ हनुमान साई मंदिर,घघा घाट शिव मंदिर,सूर्य नारायण मंदिर बालू घाट,रानीघाट भूतेश्वरनाथ,बजरंगपुरी शिव मंदिर में पुजारी अवध किशोर पांडे की देखरेख के साथ अन्य शिव मंदिरों में जलाभिषेक व रूद्राभिषेक की तैयारी की गयी. शाम को शिव का श्रृंगार किया जायेगा. टोलियों में जलाभिषेक के लिए निकले शिवभक्तों की जयघोष से रविवार की शाम अशोक राजपथ व महात्मा गांधी सेतू गूंज रहा था. सामाजिक संगठनों की ओर से भी जलाभिषेक को निकले श्रद्धालुओं के लिए सेवा शिविर का आयोजन किया गया. गायघाट गौरीशंकर मंदिर, माल्य महादेव मंदिर चैलीटाड़ व कंगन घाट में सावन की सोमवारी पर मेला लगता है. इसकी तैयारी हो गयी है. एसडीओ सत्यम सहाय ने बताया कि मेला में विधि व्यवस्था कायम रहे, इसके लिए थानाध्यक्षों को निर्देशित किया गया है.

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सावन के अंतिम सोमवार का है विशेष महत्व

सावन के अंतिम सोमवार का सनातन धर्म में विशेष आध्यात्मिक महत्व है. यह दिन ऐसा माना जाता है कि जो श्रद्धालु इस दिन व्रत रखकर विधिपूर्वक भगवान शिव का पूजन करते हैं, उन्हें समस्त व्रतों के समान पुण्यफल की प्राप्ति होती है. यदि शिवजी की उपासना वर्षभर किसी न किसी रूप में होती रहती है, पर सावन का महीना विशेष रूप से शिव भक्ति के लिए समर्पित माना गया है. इस पावन मास में पार्थिव शिव पूजन- अर्थात् मिट्टी से बने शिवलिंग की पूजा को अत्यंत शुभ और फलदायक माना गया है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, अंतिम सोमवार को शिव व्रत और पूजन करने से व्यक्ति के समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं और उसे मोक्ष की प्राप्ति का मार्ग प्रशस्त होता है. यह दिन शिव कृपा पाने का एक दुर्लभ और पुण्यदायी अवसर होता है.

शिव को प्रिय सामग्री की रही मांग

फूल, पंच फल पंच मेवा, रत्न, सोना, चांदी, दक्षिणा, पूजा के बर्तन, दही, शुद्ध देशी घी, शहद, गंगाजल, पवित्र जल, पंच रस, इत्र, गंध रोली, मौली जनेऊ, पंच मिष्ठान्न, बिल्वपत्र, धतूरा, भांग, बेर, आम्र मंजरी, मंदार पुष्प, गाय का कच्चा दूध, कपूर, धूप, दीप, रूई, मलयागिरी, चंदन, शिव व मां पार्वती की शृंगार सामग्री आदि की बाजार में विशेष मांग रही.

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पूजन मुहूर्त

  • अमृत मुहूर्त: प्रातः 5:19-6:58 बजे तक
  • शुभ मुहूर्त: सुबह 8:37-10:16 बजे तक
  • अभिजित मुहूर्त: दोपहर 11:29 – 12:22 बजे तक
  • चर-लाभ-अमृत मुहूर्त: दोपहर 1:35 – शाम 6:32 बजे तक
  • प्रदोष काल मुहूर्त: शाम 6:32 – रात 8:49 बजे तक

सावन में 16 शृंगार का है महत्व व मान्यताएं

पुराणों के अनुसार, सोलह शृंगार घर में सुख और समृद्धि लाने के लिए किया जाता है. सोलह शृंगार का जिक्र ऋग्वेद में भी किया गया है और इसमें ये कहा गया है कि सोलह शृंगार सिर्फ खूबसूरती ही नहीं बल्कि भाग्य को भी बढ़ाता है. इसका सीधा संबंध शास्त्रों से भी है, जिसमें कहा गया है कि महिलाओं को घर में पूर्ण साज-सज्जा के साथ रहना चाहिए. ऐसा इसलिए ताकि घर में मान-प्रतिष्ठा बनी रहे. महिलाएं इनका परिपालन कर सिर से लेकर पैर तक कोई न कोई सुहाग चिन्ह जैसे बिंदी, सिंदूर, काजल, मेहंदी, बालों पर लगाने के लिए गजरा, मांग टीका, नथ, कानों में झुमके, लाल-हरी चूड़ियां, अंगूठी, कमरबंद, बाजूबंद, बिछुए, पायल पहनती हैं.

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रानीघाट से शक्तिधाम तक गूंजे ‘बोल बम’ के जयकारे

सावन के पावन अवसर पर श्री दादीजी सेवा समिति के तत्वावधान में रविवार को रानीघाट से बैंक रोड स्थित फुलेश्वर महादेव मंदिर तक भव्य कांवर यात्रा निकाली गयी. सुबह छह बजे करीब 250 श्रद्धालुओं ने गंगा आरती कर पवित्र जल भरा और ‘बोल बम’ के जयकारों के साथ यात्रा शुरू की. रास्ते में भजन-कीर्तन से माहौल भक्तिमय बना रहा. करीब साढ़े नौ बजे कांवरिए शक्तिधाम पहुंचे, जहां सजाये गये मंदिर में जलाभिषेक कर भोलेनाथ से आशीर्वाद लिया. इसके बाद विशाल भंडारा प्रसाद का आयोजन हुआ. आयोजन को सफल बनाने में अमर अग्रवाल, अक्षय अग्रवाल, रमेश मोदी, निर्मल अग्रवाल, सज्जन चौधरी, सूर्य नारायण, रीतेश तुलस्यान, विमल मढ़ोघरिया, दीपक भुवानिया, मुन्ना और रोहन झुनझुनवाला समेत कई स्वयंसेवकों की अहम भूमिका रही.

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Radheshyam Kushwaha
Radheshyam Kushwaha
पत्रकारिता की क्षेत्र में 12 साल का अनुभव है. इस सफर की शुरुआत राज एक्सप्रेस न्यूज पेपर भोपाल से की. यहां से आगे बढ़ते हुए समय जगत, राजस्थान पत्रिका, हिंदुस्तान न्यूज पेपर के बाद वर्तमान में प्रभात खबर के डिजिटल विभाग में बिहार डेस्क पर कार्यरत है. लगातार कुछ अलग और बेहतर करने के साथ हर दिन कुछ न कुछ सीखने की कोशिश करते है. धर्म, राजनीति, अपराध और पॉजिटिव खबरों को पढ़ते लिखते रहते है.

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