मातृभाषा में बच्चों को पढ़ाने पर होगा जोर
सीबीएसइ ने नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क (एनसीएफ) के तहत तीन से 11 वर्ष के बच्चों की पढ़ाई में मातृभाषा को शामिल करने के लिए गाइडलाइन जारी की है. गाइडलाइंस में सभी स्कूल प्रबंधकों को आदेश दिया है कि वे मई अंत तक अपने स्कूलों में एक समिति का गठन करें. यह समिति विद्यार्थियों की भाषाई जरूरतों का आकलन करने के साथ ही भाषा शिक्षण सामग्री भी तैयार करवायेगी. गाइडलाइंस के तहत सभी स्कूलों को जुलाई महीने की पांच तारीक तक एनसीएफ रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है. इससे पहले सभी शिक्षकों को ट्रेनिंग और वर्कशॉप आयोजित करायी जीयेगी. इस ट्रेनिंग में बहुभाषी शिक्षण, मूल्यांकन और क्लासरूम स्ट्रेटजी पर फोकस किया जायेगा. एनसीएफ में इस बात पर फोकस किया गया है कि स्कूली शिक्षा में पहली भाषा छात्र की मातृभाषा या फिर क्षेत्रीय भाषा होना चाहिये. जब तक किसी अन्य भाषा में बुनियादी साक्षरता हासिल न हो जाये तब तक पहली भाषा को ही शिक्षण माध्यम के रूप में इस्तेमाल करने की बात कही है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है