संवाददाता, पटना
बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ ने नौ सूत्री मांगों को लेकर बिहार विधान मंडल के पास धरना दिया, जिसमें राज्य भर के शिक्षक शामिल हुए. शिक्षक संघ के महासचिव शत्रुघ्न प्रसाद सिंह ने शिक्षकों को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार से हमारी प्रमुख मांगों में विशिष्ट शिक्षकों के लिए सेवा की निरंतरता और वेतन विसंगति है. उन्होंने कहा कि जब डायट के व्याख्याता और प्रधानाध्यापकों की नियुक्ति में नियोजित शिक्षकों को नियुक्ति तिथि से ही अनुभव के आधार पर पदस्थापन हो रहे हैं, तब अन्य सभी कोटि के नियोजित शिक्षकों की सेवा निरंतरता नहीं देनी, भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन है. उन्होंने कहा कि लगभग साल भर से शिक्षकों के ऐच्छिक स्थानांतरण के निर्णय के बावजूद पूरे राज्य में अभी तक अफरा-तफरी मची हुई है. प्रधानाध्यापकों के पदस्थापन में भी लंबी दूरी कई जिले के विकल्प को नजरअंदाज कर असुविधाजनक स्थानों पर पदस्थापन किया जा रहा है. उत्क्रमित विद्यालयों में भवन के साथ-साथ अन्य आंतरिक संरचनाओं का घोर अभाव है. पुस्तकालयाध्यक्षों के तबादले का मामला लंबित है. देश के कई राज्यों में पुरानी पेंशन नीति लागू हो चुकी है. बिहार सरकार भी पुरानी पेंशन नीति लागू होनी चाहिए. धरना को विधान परिषद के सदस्य प्रो संजय कुमार सिंह, डॉ संजीव कुमार सिंह, डॉ मदन मोहन झा, वीरेंद्र नारायण यादव, अशफाक अहमद, सर्वेश कुमार, जीवन कुमार, पूर्व विधान पार्षद डॉ संजीव श्याम सिंह ने भी संबोधित किया. धरना की अध्यक्षता बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष रघुवंश प्रसाद सिंह ने किया.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है