संवादददाता, पटना
वरीय अधिकारी शहर के नौ प्रमुख नालों सर्पेन्टाईन नाला, मंदिरी नाला, कुर्जी, राजीव नगर नाला, आनन्दपुरी नाला, बाकरगंज नाला, बाईपास नाला (एनसीसी क्षेत्र), बाईपास नाला (केबीसी क्षेत्र), योगीपुर नाला तथा सैदपुर नाला की जांच करेंगे. शनिवार को संभावित बाढ़ एवं सुखाड़ से निपटने के लिए तैयारियों का जायजा लेने के लिए की गयी बैठक में डीएम डॉ चंद्रशेखर सिंह ने कहा कि गंगा के दियारा क्षेत्रों में मनेर से मोकामा तक तथा मसौढ़ी एवं पटना सिटी में पुनपुन नदी तथा दरधा नदी के क्षेत्रों में बाढ़ आने की संभावना रहती है. अत्यधिक मॉनसूनी वर्षा की स्थिति में तथा गंगा, सोन एवं पुनपुन नदियों के जल-स्तर में एक साथ असामान्य वृद्धि से बाढ़ की स्थिति बन जाती है. जब गंगा एवं पुनपुन दोनों नदी का जल स्तर अत्यधिक रहता है तो अतिवृष्टि की स्थिति में शहरी क्षेत्रों से नदियों के माध्यम से जल प्रवाह नहीं हो पाने पर जल-जमाव हो जाता है. ऐसी स्थिति वर्ष 2019 में आयी थी जब पटना शहर में जल-जमाव हो गया था. इसकी पुनरावृति रोकने के लिए वरीय पदाधिकारियों की टीम द्वारा प्रमुख नालों जांच करायी जायेगी. साथ ही मध्यम एवं छोटे खुले, बॉक्स नालों, मैन होल इत्यादि की उड़ाही का कार्य समय से पूरा करने का उन्होंने निर्देश दिया.
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