संवाददाता, पटना बालू के अवैध खनन और ढुलाई मामले में एफआइआर नहीं करने पर थानाध्यक्ष को निलंबित कर दिया गया है. साथ ही दोषी अधिकारियों की पहचान कर उनके खिलाफ कार्रवाई करने का खान एवं भूतत्व विभाग ने संबंधित पदाधिकारियों को निर्देश दिया है. यह मामला मुजफ्फरपुर जिले के करजा थाने का है. 8 फरवरी 2025 को मुजफ्फरपुर जिले में अवैध बालू ढुलाई के मामले में खनन विभाग ने एक वाहन को जब्त किया और उसे करजा थाने के सुपुर्द कर दिया. इसके बाद, विभाग ने थानाध्यक्ष से प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई करने का लिखित अनुरोध किया, लेकिन थानाध्यक्ष ने प्राथमिकी दर्ज नहीं की. उप मुख्यमंत्री सह खान एवं भूतत्व मंत्री विजय कुमार सिन्हा के संज्ञान में मामला आने पर उन्होंने विभाग को कार्रवाई करने के निर्देश दिए. उप मुख्यमंत्री ने यह स्पष्ट किया कि सरकार किसी भी कीमत पर अवैध खनन और परिवहन को सहन नहीं करेगी. उनके निर्देश पर विभाग द्वारा मामले की जांच कर जवाबदेही निर्धारित करने के लिए जिला पदाधिकारी और पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखा गया. जांच के दौरान यह पाया गया कि थानाध्यक्ष ने एक महीने से अधिक समय तक प्राथमिकी दर्ज नहीं की, जो कि एक गंभीर लापरवाही थी. ऐसे में थानाध्यक्ष को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया. बताते चलें कि वित्तीय वर्ष 2024-25 में मुजफ्फरपुर जिले में वार्षिक लक्ष्य के विरुद्ध 59.14% खनन राजस्व की वसूली की गई है. इस मामले में दोषी पाए जाने पर खनन पदाधिकारी के विरुद्ध भी कार्रवाई की जाएगी.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है