संवाददाता, पटना पटना विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव को लेकर विभिन्न पार्टियों के उम्मीदवारों ने प्रचार प्रसार में अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. मंगलवार को विभिन्न पार्टियों के उम्मीदवारों और उनके समर्थकों ने कॉलेज कैंपस व क्लास में जाकर विद्यार्थियों को अपने चुनावी मुद्दे से अवगत कराते हुए वोट करने की अपील की. जनसुराज से महासचिव पद की उम्मीदवार रितंभरा रॉय ने महिला कॉलेजों में जाकर छात्राओं से बात कर उनकी समस्याओ के निदान का आश्वासन दिया. वहीं एनएसयूआइ समर्थित मनोरंजन राजा ने भी विश्वविद्यालय के विभिन्न कॉलेजों और विभागों में अपने समर्थकों के साथ विद्यार्थियों के हित के लिए हमेशा आवाज बुलंद रखने की बात कही. वहीं एबीवीपी से अध्यक्ष पद की उम्मीदवार मैथिली मृणालिनी ने भी वीमेंस कॉलेज और मगध महिला कॉलेज पहुंच कर छात्राओं को बेहतर सुविधा प्रदान करने की बात कही. इसके अलावा छात्र राजद की प्रियंका कुमारी ने भी विश्वविद्यालय के विभिन्न कॉलेजों में जाकर छात्र-छात्राओं से बारी-बारी से बात कर उनकी परेशानियों पर चर्चा करते हुए उसे दूर करने का आश्वासन दिया. वहीं पटना सायंस कॉलेज के विभिन्न विभागों में जाकर निर्दलीय काउंसलर प्रत्याशी दीपू कुमार पाठक ने अपने हक में वोट करने की विद्यार्थियों से अपील की. पटना साइंस कॉलेज प्राचार्य अतुल आदित्य पांडेय से भी मुलाकात कर उन्होंने विभिन्न विभागों के विभाग अध्यक्ष से भी आशीर्वाद प्राप्त किया. इस दौरान पटना सायंस कॉलेज के पूर्व काउंसेलर रामधनी कुमार ने कहा की दीपू कुमार पाठक छात्रों के हित की आवाज बुलंद करने में हमेशा आगे की पंक्ति में रहेंगे. सोशल जस्टिस आर्मी ने एनएसयूआइ को दिया समर्थन पटना विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव में सोशल जस्टिस आर्मी के अध्यक्ष गौतम आनंद ने प्रेस वार्ता आयोजित कर पटना विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव में एनएसयूआइ अध्यक्ष प्रत्याशी मनोरंजन राजा की जीत सुनिश्चित करने के लिए समर्थन दिया है. उन्होंने कहा कि छात्र हित से जुड़े कई मुद्दों पर हम सब मिलकर लंबे समय से संघर्ष करते रहे हैं. जब भी केंद्र और राज्य सरकार छात्र विरोधी फैसला लिया है या शिक्षा परीक्षा संवैधानिक लोकतांत्रिक मुद्दे पर हमला हुआ है हर उस संघर्ष का हिस्सा मनोरंजन राजा रहा है. हम सबने लगाता जिन मुद्दों को केंद्र में रखकर संघर्ष किया उन मुद्दों में मुख्य रूप से तेरह प्वाइंट रोस्टर का सवाल, पटना विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय विश्वविद्यालय का दर्जा, पटना विश्वविद्यालय में छात्रावास आवंटन करना, विश्वविद्यालय में बंद परे सभी तरह के छात्रवृति को पुनः चालू करवाना, पीएचडी छात्रों के लिए राज्य सरकार से छात्रवृति योजना बहाल करवाना, नयी शिक्षा नीति लागू करने के खिलाफ, फीस वृद्धि पर रोक लगाने के साथ कैंपस में बेहतर सुविधा सुरक्षा तथा लोकतांत्रिक माहौल कायम करने को लेकर लगातार प्रयास किया है.
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