– मातृभाषा के आधार पर क्लास बांटने की बन रही योजना
संवाददाता, पटना
नयी शिक्षा नीति और नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क के तहत केंद्रीय विद्यालयों में मातृभाषा और क्षेत्रीय भाषा में बच्चों को शिक्षा देने की तैयारी शुरू कर दी गयी है. केंद्रीय विद्यालय में प्री-प्राइमरी से कक्षा दो के बच्चों को मातृभाषा और क्षेत्रीय भाषा में पढ़ाने के लिए क्लास को बांटने की योजना बनायी जा रही है. बेली रोड स्थित केंद्रीय विद्यालय के प्राचार्य मिथिलेश कुमार ने कहा कि बोर्ड की इस पहल से बच्चों को शुरुआती शिक्षा मातृभाषा में मिलने से उन्हें टॉपिक को समझने में आसानी होगी और उनका बेस भी मजबूत होगा. केंद्रीय विद्यालय की ओर से इसके लिए खास योजना बनायी जा रही है. मातृभाषा के आधार पर क्लास बांटने से बच्चों का मानसिक और भावनात्मक विकास मजबूत होगा. एनसीइआरटी ने भी कक्षा एक और दो के लिए 22 अलग-अलग भारतीय भाषाओं में किताब तैयार की है. इससे विद्यार्थियों को अपनी मातृभाषा में पढ़ने में आसानी होगी.चैप्टरवार इ-कंटेंट तैयार करेंगे शिक्षक
नयी शिक्षा नीति 2020 के तहत स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों में बेहतर समझ विकसित करने के लिए एनसीइआरटी ने पाठ्यक्रमों में आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करने का निर्णय लिया है. नयी शिक्षा नीति के तहत एनसीइआरटी कक्षा छह से 12 वीं के विद्यार्थियों के लिए पाठ्यक्रम से जुड़े विभिन्न विषय के आधार पर एनिमेटेड कंटेंट तैयार किया जा रहा है. एनिमेटेड कंटेंट तैयार करने के लिए के एनसीइआरटी की ओर से दिल्ली में विज्ञान के शिक्षकों को ट्रेनिंग दी जा चुकी है. एनसीइआरटी का मानना है कि ओपन एजुकेशनल रिसोर्स (ओइआर) के तहत विज्ञान व गणित में शामिल प्रत्येक चैप्टर का डिजिटल कटेंट बनाया जाये, तो विद्यार्थियों को विषय समझने में आसानी होगी.B
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